सांकेतिक तस्वीर.
दुनिया में आए दिन तमाम तरह के दावे किए जाते हैं. जिसपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होता है. इन दावों के पीछे कितनी सच्चाई होती है, ये तो करने वाले ही जान सकते हैं, लेकिन ये किस्से और कहानियों जैसे दावे लोगों को कई बार रोमांचित करने या फिर डराने वाले भी होते हैं. कुछ ऐसा ही दावा एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर किया है. उसका कहना है कि उसकी 7 मिनट के लिए मौत हो गई थी, इस दौरान उसने कुछ अजीबो-गरीब दृश्य देखे, जो उसके जेहन में आज भी वैसे ही छपा हुआ है.
7 मिनट के लिए थम गईं धड़कनें
दरअसल, एस्ट्रोफिजिक्स में पीएचडी एक 40 वर्षीय शख्स ने रेडिट पर अपने एक अनुभव को बयां किया है. उसने Reddit पर लिखा है कि सांस की तकलीफ के चलते इसी साल मार्च के महीने में उसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर उसके फेफड़ों में ब्लीडिंग होने से कार्डियक अरेस्ट हो गया था. इस उसकी धड़कनें थम गई थीं. जिसे दोबारा शुरू करने में डॉक्टरों को 7 मिनट का समय लगा. इन सात मिनट में उसके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी के कारण स्ट्रोक हो गया था. उसने आगे लिखा कि इन सात मिनट के दौरान उसने जो देखा, वो उसकी आंखों में हमेशा के लिए बस गया. उसने लिखा कि “मैं 7 मिनट के लिए मर चुका था.”
मरने के बाद क्या देखा?
उसने इसी पोस्ट में आगे लिखा कि “इन 7 मिनट में मैंने तीन अंडाकार आकृतियों की एक सीरीज देखी, जहां पर मैं अंधेरे में लटका हुआ था. पहली वाली आकृति के अंदर और बाहर सतह पर पहाड़, जंगल, झरने और बादल दिखाई दे रहे थे. पहले वो तीनों अंडाकार आकृतियां बहुत सुंदर दिखाई दे रही थीं, लेकिन धीरे-धीरे उनका रंग भद्दा होने लगा और वे काफी डरावने लगने लगे. अंत में एकदम फीका रंग हो गया. इसी दरम्यान उसकी जगह पर दूसरा गोला आ गया. ये गोला एक गर्म अंगूठी की तरह था. जिसमें लोहे के टुकड़े धीरे-धीरे टूट रहे थे, जिसकीं गंध मैं महसूस कर रहा था. तभी अचानक पूरा दृश्य बदल गया और तीसरी वाली गोल आकृति दिखाई दी. ये आकृति हल्की गुलाबी और नीले रंग के बादलों से पूरी तरह से ढकी हुई थी. जैसे सूर्योदय और सूर्यास्त हो रहा हो.”
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उसने आगे बताया, “यह वो समय था, जब मुझे अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट हुआ था. मेरा दिल जब दोबारा धड़कने लगा तो मुझे होश आया और वो सब मेरे मन में पूरी तरह से बस चुका था, जो मेरे मरने के बाद मुझे दिखाई दिया. मुझे मेरे स्ट्रोक के बारे में बताया तब सारी बातें मुझे समझ में आ गईं.” उसने ये भी लिखा कि उस दौरान मरना सबसे सुखद था.
-भारत एक्सप्रेस
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