कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और सुप्रीम कोर्ट.
Delhi Excise Policy: दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई से जस्टिस पीवी संजय कुमार ने खुद को अलग किया. मामले में सीजेआई के पास भेजा गया. सीजेआई नए बेंच का गठन करेंगे. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बोइनपल्ली को अंतरिम जमानत दिया था.
ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती
अभिषेक बोइनपल्ली को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. बोइनपल्ली ने ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. बोइनपल्ली ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. बोइनपल्ली ने अपनी याचिका में कहा है कि ईडी ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए की धारा 19 का पालन नहीं किया गया था. यह धारा गिरफ्तारी की प्रक्रिया से संबंधित है.
दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार हुए थे अभिषेक बोइनपल्ली
बता दें कि सीबीआई ने अभिषेक बोइनपल्ली को अक्टूबर 2022 में दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था. आरोपों के मुताबिक अभिषेक बोइनपल्ली दक्षिण भारत के कुछ शराब कारोबारियों के लिए कथित तौर पर काम करता था. अधिकारियों के मुताबिक सीबीआई ने पाया कि यह कुछ महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने से बच रहा था.
सीबीआई और ईडी कर रही है जांच
ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में हुए कथित घोटाले की दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई और ईडी जांच कर रही है. उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. बाद में ईडी भी इसकी जांच में जुट गई. अधिकारियों में मुताबिक, अभिषेक बोइनपल्ली पेशे से एक सलाहकार है और वह रियल एस्टेट, खनन, रासायनिक उत्पाद बनाने वाली फर्मो से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि अभिषेक करीब नौ कंपनियों का निदेशक है.
-भारत एक्सप्रेस