शंभू बॉर्डर.
Supreme Court on Shambhu Border: शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर हरियाणा सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनवाई को तैयार हो गया है. सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को याचिका पर सुनवाई करेगा. 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को 1 हफ्ते में शंभू बार्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था. हरियाणा सरकार का कहना है कि क़ानून व्यवस्था की स्थिति बहाल के मद्देनजर उसने रास्ता बंद रखा हुआ है, हाईकोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए.
यातायात को नियंत्रित करना सरकार का काम: सुप्रीम कोर्ट
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप राष्ट्रीय राजमार्ग को कैसे बंद कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार का काम है यातायात को नियंत्रित करना न कि बॉर्डर को बंद करना. सरकार का काम है लोगों को स्वास्थ्य और भोजन की सुविधा मुहैया कराना. किसान भी इसी देश के नागरिक है वो आएंगे नारे लगाएंगे और चले जायेंगे. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइया की पीठ ने हरियाणा सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी.
कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
जस्टिस सूर्यकांत ने वकील से पूछा था कि मुझे लगता है कि आप सड़क मार्ग से यात्रा नहीं करते हैं. जिस पर वकील ने हां में जवाब दिया. फिर, जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा था कि तो आपको परेशानी हो रही होगी. जबकि, जस्टिस भुइयां ने कहा था कि राज्य राजमार्ग को कैसे अवरुद्ध कर सकता है? दरअसल हरियाणा सरकार ने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखा है.
शंभू बॉर्डर खोलने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने शंभू बॉर्डर को एक हफ्ते में खोलने का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी. गौरतलब है कि किसान एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन करते रहते हैं. इसी किसान आंदोलन के दौरान प्रदर्शन कर रहे एक 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी. जिसकी न्यायिक जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर हाइकोर्ट सुनवाई कर रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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