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Sawan 2024: क्या बेलपत्र पर नाम या इच्छा लिखकर चढ़ाने से नाराज हो जाएंगे भगवान शिव? जानें क्या है नियम

Sawan 2024 Belpatra Rule: सावन में भगवान शिव की पूजा के दौरान अक्सर लोग बेलपत्र चढ़ाते हैं. बेलपत्र पर नाम लिखकर चढ़ाना सही है या गलत, जानिए.

shivling shiv ji

शिवलिंग और शिवजी.

Sawan 2024 Belpatra Rule: सावन में भगवान शिव की पूजा का खास महत्व है. इन दौरान शिवजी की पूजा से मनोकामना पूरी होती है, ऐसी मान्यता है. पंचांग के अनुसार, इस साल सावन 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. जबकि, इसका समापन 19 अगस्त को होगा. इस बार सावन मास में पांच सोमवार पड़ेंगे. सावन मास का पहला सोमवार 22 जुलाई को है. सावन में भगवान शिव की पूजा के दौरान अक्सर लोग बेलपत्र चढ़ाते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि यह भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. कई बार शिवजी के भक्त बेलपत्र पर नाम या मनोकामना लिखकर शिवलिंग पर चढ़ा देते हैं. आइए जानते हैं क्या सावन में बेलपत्र पर नाम या इच्छा लिखकर चढ़ाने से शिवजी नाराज हो जा जाते हैं? साथ ही इस बारे में शास्त्रों में क्या बताया गया है.

बेलपत्र पर नाम लिखकर चढ़ाना सही या गलत

बेलपत्र, भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, ऐसा शास्त्रों में उल्लेख किया गया है. बेलपत्र पर नाम या इच्छा लिखकर चढ़ाने की परंपरा का उल्लेख किसी शास्त्र में नहीं मिलता है. धर्म शास्त्र के जानकारों के मुताबिक, बेलपत्र पर सिर्फ भगवान श्रीराम का नाम लिखकर चढ़ाया जा सकता है. इसके अलावा अन्य कोई भी नाम या इच्छा को बेलपत्र पर लिखकर नहीं चढ़ाया जा सकता है, क्योंकि इसका कोई विधान नहीं है. अगर कोई ऐसा करता है तो वह पाप का भागी बन सकता है.

बेलपत्र की पवित्रता का रखें ख्याल

शास्त्रों के मुताबिक, सावन के दौरान शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने वक्त उसकी शुद्धता और पवित्रता का खास ख्याल रखना चाहिए. बेलपत्र पर नाम लिखने या अन्य प्रकार से छेड़छाड़ करने पर उसकी पवित्रता भंग हो सकती है, जिसे शास्त्रों में उचित नहीं माना गया है.

शिवजी की चढ़ाया जाने वाला बेलपत्र कैसा हो?

धार्मिक परंपरा के अनुसार, शिवजी को चढ़ाया जाने वाला बेलपत्र तीन पत्तों वाला होना चाहिए. शिवजी को अर्पित किए जाने वाले बेलपत्र की लंबाई बड़ी नहीं होनी चाहिए. साथ ही बेलपत्र का डंठल ऊपर की ओर रखकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए.

किस मंत्र से चढ़ाएं शिवलिंग पर बेलपत्र?

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌

अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌

गृहाण बिल्व पत्राणि सपुश्पाणि महेश्वर
सुगन्धीनि भवानीश शिवत्वंकुसुम प्रिय

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