दिल्ली हाईकोर्ट
Delhi News: सोशल मीडिया पर न्यायाधीशों को बदनाम करने वाला एक वीडियो पोस्ट करने वाले व्यक्ति पर दिल्ली हाई कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने उसकी बिना शर्त माफ़ी स्वीकार करते हुए सुनवाई बंद कर दी। उसे हालही में अदालत की आपराधिक अवमानना का दोषी ठहराया गया था दोषी ने कहा था कि जज अवैध कार्य कर रहे है.
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की खंडपीठ ने उसकी बिना शर्त माफ़ी स्वीकार कर ली और उसे अवमानना कार्यवाही से मुक्त कर दिया. दोषी ने कहा था कि वह अवमानना कार्यवाही में बर्बाद हुए सार्वजनिक समय की भरपाई के लिए कल्याण उद्देश्यों के लिए 1 लाख रुपये जमा करने को तैयार है.
‘पुनरावृति की तो सख्त कार्रवाई की जाएगी’
इस प्रकार पीठ ने व्यक्ति को रजिस्ट्री में दो सप्ताह के भीतर 1 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति, दिल्ली निर्धन और विकलांग वकील कोष, बच्चों और निराश्रित महिलाओं के कल्याण के लिए निर्मल छाया और भारत के वीर कोष के पक्ष में 25,000-25,000 रुपये वितरित किए जाएंगे. अवमानना कार्यवाही बंद करते हुए पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में व्यक्ति इसी तरह का व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
आरोपी ने सफाई में ये बातें कहीं
व्यक्ति के हलफनामे के अनुसार, उसने कहा कि अपने सोशल मीडिया हैंडल पर वीडियो अपलोड करते समय उसका इरादा न तो न्यायालय और न ही न्यायाधीशों को बदनाम करना था और न ही न्यायालय की गरिमा को कम करने के लिए उन्हें बदनाम करना था. उसका कहना था कि उसने वीडियो केवल मामले के चल रहे तरीके के बारे में अपनी राय व्यक्त करने के लिए अपलोड किया था. संबंधित व्यक्ति शहर के न्यू अशोक नगर में एक संपत्ति से संबंधित उसके खिलाफ दायर मामले में प्रतिवादी था.
— भारत एक्सप्रेस
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