शिवजी.
Sawan Shivratri 2024 Date Shubh Muhurat Puja Vidhi and Upay: सावन का महीना चल रहा है. वैसे तो सावन मास का प्रत्येक दिन भगवान शिव की उपासना के लिए खास माना गया है, लेकिन सोमवार, शिवरात्रि और प्रदोष व्रत शिवजी की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है. वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास की शिवरात्रि 2 अगस्त (शुक्रवार) को यानी आज है. ऐसे में इस दिन देवाधिदेव महादेव की पूजा-अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होगा. आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और खास उपाय.
सावन शिवरात्रि 2024 शुभ मुहूर्त | Sawan Shivratri 2024 Shubh Muhurat
दृक पंचांग के अनुसार, सावन मास की शिवरात्रि 2 अगस्त को यानी आज है. चूंकि, सावन शिवरात्रि का व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. ऐसे में सावन कृष्ण त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू होगी. जबकि, इस तिथि की समाप्ति 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर होगी. उदया तिथि की मान्यतानुसार, इस बार सावन शिवरात्रि का व्रत-पूजन 2 अगस्त को किया जाएगा. वहीं, व्रत का पारण 3 अगस्त को सुबह 6 बजकर 16 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 50 मिनट के बीच किया जा सकता है.
सावन शिवरात्रि पूजा मुहूर्त | Sawan Shivratri 2024 Puja Time
रात में पहले प्रहर की पूजा- 7 बजकर 14 मिनट से 9 बजकर 59 मिनट तक
रात में दूसरे प्रहर की पूजा- 9 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक
रात में तीसरे प्रहर की पूजा- 12 बजकर 45 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक
चौथे प्रहर की पूजा- 3 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 16 मिनट तक
सावन शिवरात्रि 2024 पूजा-विधि | Sawan Shivratri 2024 Puja Vidhi
सावन शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद पीले रंग के साफ वस्त्र धारण करें.
घर के पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें.
पूजा स्थल पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें.
शिव परिवार का गंगाजल से अभिषेक करें. चाहें तो पंचामृत से भी शिवजी का अभिषेक कर सकते हैं.
पूजन के दौरान भगवान शिव को गंगाजल, बेलपत्र, धूप-दीप इत्यादि अर्पित करें.
भगवान शिव को त्रिपुंड चंदन लगाएं. साथ ही उनके समक्ष गाय के घी का दीया जलाएं.
शिवजी को सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं.
मौसम के अनुकूल फल का भोग भी शिवजी को लगाया जा सकता है.
रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय या पंचाक्षरी मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें.
शिवरात्रि के दिन महिलाएं माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है.
सावन शिवरात्रि के दिन पूजन के अंत में शिवाष्टक, शिव महिम्नस्तोत्र, शिव चालीसा या शिव पुराण का पाठ करें. साथ ही साथ भगवान शिव की आरती करें.
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