1 जनवरी 2023 से बैंक लॉकर के नियमों में कई बदलाव होंगे. अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कोशिश कर रहा है कि लॉकर होल्डर को ज्यादा सुरक्षा दी जाए और ऐसे में बैंक मनमानी नहीं करेंगे. आरबीआई ने 8 अगस्त, 2021 को नए दिशानिर्देश जारी किए। एसबीआई और पीएनबी जैसे कुछ बड़े बैंकों ने अपने ग्राहकों को एसएमएस के जरिए यह नोटिफिकेशन भेजना शुरू कर दिया है.
क्या है नया नियम?
आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार अब बैंक अपने लॉकर धारक को अधिक सुरक्षा देगा और अब बैंक सुरक्षा के लिए उत्तरदायी होंगे. कुछ मामलों में जैसे: आग, चोरी, डकैती, इमारत का गिरना. अगर ये मामले बैंक की असुरक्षा या लापरवाही से होंगे तो इसके लिए बैंक जिम्मेदार होगा. पिछली बार की तरह, बैंक उपरोक्त घटनाओं से हाथ नहीं धोएगा. अगर ये घटनाएं अपने ही कर्मचारियों या बैंक की लापरवाही से होती हैं, तो बैंक को ग्राहक के लॉकर पर सालाना 100 गुना किराया देना होगा.
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आरबीआई ने कहा कि बैंकों को अपने बैंक लॉकर्स की जानकारी देनी होगी, अब 2023 से बैंकों को एक बार में 3 साल से ज्यादा के लिए लॉकर का किराया लेने का अधिकार नहीं होगा. उदाहरण के लिए: यदि आपके लॉकर का किराया 2000 रुपये प्रति वर्ष है, तो बैंक अपने अन्य शुल्कों के अलावा एक बार में 6000 रुपये से अधिक शुल्क नहीं लेगा.
कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा
आरबीआई यह सुनिश्चित करता है कि बैंक वास्तविक के अलावा अपने ग्राहकों से कोई अन्य शुल्क लेगा. ज्यादातर बार बैंक सिक्योरिटी के नाम पर कई रकम चार्ज करता है, इसलिए 2023 से ऐसा नहीं होगा.
शुल्क में परिवर्तन
ग्रामीण क्षेत्रों में क्षेत्र के लिए शुल्क 500rs से अधिक नहीं होगा. जबकि शहरी शहर में लॉकर का शुल्क 2000 रुपये, 4000 रुपये, 8000 रुपये और अधिकतम 12000 रुपये होगा. कुछ शहरों में शुल्क 1500 रुपये, 300 रुपये, 4500 रुपये आदि होंगे.
अब बैंक अपने ग्राहकों को लॉकर की हर एक जानकारी एसएमएस के जरिए देगा. यह अब हर बैंक के लिए अनिवार्य है अब चोरी होने की स्थिति में इसकी पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी, और उन्हें राशि का भुगतान करना होगा और ग्राहकों के प्रत्येक उत्तर के लिए जिम्मेदार होंगे.
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