ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर और कोच समरेश जंग.
सिविल लाइंस में राष्ट्रीय पिस्टल निशानेबाजी कोच समरेश जंग के घर को गिराने पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि जंग के परिवार को उप-पट्टे पर दी गई संपत्ति पर कोई कानूनी अधिकार न होने के कारण कोई राहत नहीं दी जा सकती.
कब्जेदारों को घोषित किया गया अवैध
न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कोच के भाई समीर जंग की याचिका खारिज कर दी. उन्होंने 1 मार्च 2024 के नोटिस को चुनौती दी थी. इस नोटिस में खैबर दर्रा बाजार क्षेत्र में 32 एकड़ में फैले सभी कब्जेदारों (लगभग 1,000) को अनधिकृत घोषित किया गया था. इसके साथ ही पूरी तरह से ध्वस्तीकरण अभियान शुरू किया गया था. ओलंपिक पदक विजेता मनु भाकर को कोचिंग देने वाले समरेश जंग भी उसी संपत्ति में रहते हैं जिसमें लगभग 60-70 साल पहले उनके परिवार को कानूनी तौर पर उप-किराएदार बनाया गया था. वकील ने कोर्ट को बताया कि अधिकारियों ने उन्हें सुनवाई का कोई मौका नहीं दिया.
कोर्ट ने कहा- अपवाद बनाना मुश्किल होगा
याचिकाकर्ता के वकील ने जब अदालत को बताया कि कई खेल आयोजनों में देश का नाम रोशन करने वाले जंग को घर से बाहर निकाले जाने का खतरा है तो न्यायाधीश ने कहा यह बहुत मुश्किल लगता है, लेकिन सच्चाई यही है. पहले ही कुछ कार्रवाई की जा चुकी है और कुछ घरों को गिरा दिया गया है. अपवाद बनाना मुश्किल होगा.
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भूमि एवं विकास कार्यालय (एलएंडडीओ) के वकील ने कहा कि कोच ने देश के लिए कुछ महान सेवा की होगी, लेकिन अंततः यह सार्वजनिक भूमि है और कोई अपवाद नहीं बनाया जा सकता. वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने कोई अधिकार नहीं दिखाया है और कोई अपवाद नहीं बनाया जा सकता क्योंकि अन्य घरों को पहले ही हटा दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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