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MPOX Virus News: एमपॉक्स वाय़रस दुनिया के कई देशों में तेजी से अपने पैर पसार रहा है. कोरोना महामारी का दंश अभी लोग भूल भी नहीं पाए थे कि अब इस वायरस ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है. इसे मंकीपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है. मालूम हो कि इसके खतरे को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) पहले ही ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है. तो वहीं अब इसको लेकर भारत सरकार भी पूरी तरह से सतर्क हो गई है और अधिकारियों को अलर्ट रहने की चेतावनी भी जारी की है.
बता दें कि 2022 में एमपॉक्स का वैश्विक प्रकोप देखने को मिला था. भारत सहित कई देश इससे प्रभावित हुए थे. तब से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 116 देशों में एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें होने की सूचना जारी कर चुका है. तो वहीं भारत में कुल 30 मामले पाए गए, जिनमें से आखिरी मामला मार्च 2024 में सामने आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने देश के सभी एयरपोर्ट, समुद्री बंदरगाहों और बांग्लादेश-पाकिस्तान बॉर्डर पर अलर्ट जारी कर दिया है.
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इसी के साथ ही अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसी के साथ ही सरकार ने अस्पतालों को मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार करने को कहा है. मालूम हो कि एमपॉक्स की पहचान पहली बार 1950 के दशक में अनुसंधान प्रयोगशालाओं में बंदरों में की गई थी, इंसान में इसका पहला मामला 1970 में ही पता चला था.
जानें क्या है भारत सरकार की तैयारी?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि परीक्षण प्रयोगशालाओं का नेटवर्क बीमारी के शीघ्र इलाज के लिए तैयार है. वर्तमान में, देश में 32 लैब एमपॉक्स परीक्षण के लिए रखी गई हैं.
पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने जल्द पता लगाने के लिए बढ़ी निगरानी के बीच एमपॉक्स के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार को एक बैठक की अध्यक्षता की.
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल देश से एमपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है. आंकलन के अनुसार, निरंतर संचरण के साथ इसके फैलना का खतरा कम है.
डब्ल्यूएचओ के एक पूर्व बयान में कहा गया है कि 2022 से 116 देशों में एमपॉक्स के कारण 99,176 मामले और 208 मौतें हुई हैं.
केंद्र ने सभी राज्यों से एमपॉक्स मामलों से निपटने के लिए अस्पतालों को तैयार रखने को कहा है. सूत्रों ने कहा कि इन अस्पतालों को नोडल केंद्र के रूप में नामित किया जाना चाहिए और इसकी जानकारी जनता को दी जानी चाहिए.
अशोका विश्वविद्यालय के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के बायोसाइंसेज एंड हेल्थ रिसर्च के डीन डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि 2022 का प्रकोप क्लेड 2 के कारण हुआ था, जो कम विषैला है और संक्रमण मुख्य रूप से उन पुरुषों में देखा गया था, जिन्होंने अन्य लोगों के साथ यौन संबंध बनाए थे.
एमपॉक्स के मरीजों के लिए अलग से इलाज करने का बंदोबस्त किया गया है. इसके लिए दिल्ली में तीन सरकारी अस्पतालों को प्रमुख सुविधाओं के रूप में चुना गया है. इसमें राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और लेडी हार्डिंग अस्पताल को शामिल किया गया है.
-भारत सरकार
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