
आधी रात को भारत की एयरस्ट्राइक से पाक में कोहराम मच गया. वहां के आर्मी चीफ मुनीर ने पलटवार की बात कही है.

India Pakistan Tensions: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तान पर अस्तित्व का संकट मडरा रहा है. दरअसल आजादी के बाद, पाकिस्तान सबसे जटिल संकट में है जहां अगर भारत ने शहबाज शरीफ पर रहम नहीं किया तो संभव है कि देश का नामो निशान मिट जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हालांकि सृष्टि को नष्ट नहीं करना चाहेगा, लेकिन पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत एक परमाणु संपन्न देश है.
भारत ने 2025-26 के लिए रक्षा बजट 6.8 लाख करोड़ रुपये ($79 बिलियन) निर्धारित किया है, जो पिछले वित्त वर्ष के बजट अनुमानों से 9.5% जादा है. सैन्य आधुनिकीकरण के लिए पूंजीगत व्यय में 4.6% की वृद्धि की गई है. तुलनात्मक रूप से, पाकिस्तान का रक्षा बजट भारत के मुकाबले काफी कम है, पाकिस्तान का वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित बजट 2.28 ट्रिलियन ($7.6-10 बिलियन) है जो कि भारत के रक्षा बजट का 10 प्रतिशत है.
पाकिस्तान का पंचनामा
भारत और पाकिस्तान के 1947 में बंटवारे के बाद, दोनों देश कई युद्धों, संघर्षों और सैन्य गतिरोधों में शामिल रहे हैं, P-5 ( Precedence, Probability, Prospect, Planning और Pakistan ) के जरिए समझने की कोशिश करते हैं कि अबकी बार अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान का क्या होगा. सबसे पहले बात Precedence की, क्या कहता है इतिहास पाकिस्तान के बारे में.
Indo-Pak War 1947-1948
जो अक्टूबर 1947 में शुरू हुआ इसे प्रथम कश्मीर युद्ध भी कहा जाता है, पाकिस्तान को डर था कि कश्मीर और जम्मू रियासत के महाराजा भारत में शामिल हो जाएंगे विभाजन के बाद, रियासतों को यह चुनने के लिए छोड़ दिया गया कि वे भारत या पाकिस्तान में शामिल हों या फिर स्वतंत्र रह सकते हैं. रियासतों में सबसे बड़ी जम्मू और कश्मीर में बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी और महत्वपूर्ण अनुपात में हिंदू आबादी थी, इन रियासतो पर महाराजा हरि सिंह का शासन था.
पाकिस्तान की सेना के समर्थन से जनजातीय इस्लामी ताकतों ने रियासत के कुछ हिस्सों पर हमला किया और कब्जा कर लिया, जिससे महाराजा को भारतीय सैन्य सहायता प्राप्त करने के लिए रियासत के भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर होना पड़ा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल 1948 को एक प्रस्ताव पास किया ,1 जनवरी 1949 की रात को 23:59 बजे औपचारिक युद्ध विराम की घोषणा की गई.
भारत ने राज्य के लगभग दो-तिहाई हिस्से (कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख) पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों को सामूहिक रूप से पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर (POK) कहा जाता है.
Indo-Pak war of 1965
यह युद्ध पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर के बाद शुरू हुआ था, जिसे भारत के खिलाफ विद्रोह को तेज करने के लिए जम्मू और कश्मीर में सेना की घुसपैठ कराने के लिए डिज़ाइन किया गया था. भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान पर बड़े पैमाने पर सैन्य हमला करके जवाबी कार्रवाई की. सत्रह दिनों तक चले इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना का काफी नुकसान हुआ.
द्वितिय विश्व युद्ध के बाद बख्तरबंद वाहनों की सबसे बड़ी मुठभेड़ और सबसे बड़ा टैंक युद्ध हुआ.सोवियत संघ और अमेरिका के हस्तक्षेप और उसके बाद ताशकंद समझौते के बाद युद्ध विराम की घोषणा हुई. युद्ध विराम की घोषणा के समय भारत का पाकिस्तान पर पलड़ा भारी था.
Indo-Pak war of 1971
यह युद्ध कई मायने में अनूठा था इसमें कश्मीर का मुद्दा दूर दूर तक शामिल नहीं था, बल्कि पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के नेता शेख मुजीबुर रहमान और पश्चिमी पाकिस्तान के नेताओं याह्या खान और जुल्फिकार अली भुट्टो के बीच चल रही राजनीतिक लड़ाई से पैदा हुए संकट के कारण यह युद्ध हुआ था. बांग्लादेश में स्वतंत्रता की घोषणा हुई.
ऑपरेशन सर्चलाइट और 1971 युद्ध के बाद, पूर्वी पाकिस्तान में लगभग 10 मिलियन बंगालियों ने पड़ोसी भारत में शरण ली, भारत ने बांग्लादेश मुक्ति आंदोलन में हस्तक्षेप किया . पाकिस्तान द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए हमले के बाद, दोनों देशों के बीच पूर्ण पैमाने पर शत्रुता शुरू हो गई.
पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा पर कई स्थानों पर हमला किया. भारतीय सेना ने पश्चिम में पाकिस्तानी सेना के हमले का जवाब देते हुए लगभग 15,010 वर्ग किलोमीटर पाकिस्तानी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया (पाकिस्तानी कश्मीर, पाकिस्तानी पंजाब और सिंध क्षेत्रों में भारत द्वारा कब्जे में ली गई भूमि 1972 के शिमला समझौते के बाद पाकिस्तान को वापस कर दिया गया.
दो सप्ताह की भीषण लड़ाई के बाद , पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय और बांग्लादेशी सेना की संयुक्त कमान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश का निर्माण हुआ. युद्ध के परिणामस्वरूप 90,000 से अधिक पाकिस्तानी सेना के सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया. पाकिस्तान ने इस युद्ध में अपनी आधी नौसेना, अपनी वायु सेना का एक चौथाई और अपनी सेना का एक तिहाई हिस्सा खो दिया”.
Kargil War 1999
सन् 1999 की शुरुआत में, पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की और ज्यादातर कारगिल जिले में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. करीब दो महीने के संघर्ष के बाद, भारतीय सैनिकों ने अतिक्रमण की गई अधिकांश पहाड़ियों को वापस ले लिया . सैन्य कार्रवाई में मारे गए सैनिको के शव को लेने से पाकिस्तान ने मना कर दिया. बाद में नवाज शरीफ ने कहा कि भारत के इस ऑपरेशन में 4,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और पाकिस्तान संघर्ष हार गया.
अब तक का Precedence तो यही कहता है कि पाकिस्तान ने जब- जब भारत से पंगा लिया उसे लेने के देने पड़े हैं. चाहे बात उरी हमला 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास स्थित भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर हुआ, एक आतंकी हमला है जिसमें 16 जवान शहीद हो गए.
सैन्य बलों की कार्रवाई में सभी चार आतंकी मारे गए. 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल हमले किए, आतंकवादियों के 7 ट्रेनिंग कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राईक किया गया जिसमें कम से कम 38 आतंकवादियों समेत, 2 पाक सैनिक भी मारे गए.
भारत-पाकिस्तान युद्ध में सैन्य संतुलन
अगर आज भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो सैन्य संतुलन स्पष्ट रूप से भारत के पक्ष में है. भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक है, जिसके पास लगभग 1.45 मिलियन सक्रिय सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास लगभग 654,000 सैनिक हैं. भारत-पाकिस्तान अगर परमाणु युद्ध करते हैं, तो उससे स्पष्ट रूप से कृषि में भारी कमी आएगी और खाद्यान्न की कमी होगी, जिससे लाखों या अरबों लोगों के लिए अकाल की स्थिति पैदा हो जाएगी. पाकिस्तान दाने-दाने को मोहताज हो जाएगा.
आतंकी हमले के बाद भारत का बड़ा निर्णय संभव
भारत पाकिस्तान पर हमला करने से पहले शायद “प्रतीक्षा करें और देखें” निर्णय इस आधार पर लिया जाएगा कि पाकिस्तान ने परमाणु हथियार बनाए भी हैं या सिर्फ उन्हें दिखाबे के लिए जमा किया है. संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर को फोन कर दोनों देशों से “तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने” के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया.
लेकिन भारत इस बार पाकिस्तान को हमेशा के लिए सबक सिखाना चाहता है क्योंकि पाकिस्तान समर्थित आंतकवादियों ने 27 निर्दोष नागरिको ( सैलानियों) की हत्या कर के अपने लिए मुसीबत मोल ली है और भारतीय सेना और देश की सुरक्षा व्यवस्था को खुली चुनौती दी है.
पहल्गाम हमले के बाद भारत सरकार के सख्त फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने के लिए खुली छूट दे दी है . एक अनुमान के मुताबिक अंशकालिक आक्रमण में भारत पाकिस्तान के आंतकी ठिकाने को मात्र 6 घंटे में और दीर्धकालिक आक्रमण की स्थिति में में 6-7 दिन में पाकिस्ताम की सेना को अपने कब्जे मे कर सकती है . पहलगाम आतंकवादी हमले की गंभीरता को समझते हुए, भारत सरकार ने निम्नलिखित फैसले किए हैं.
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है
- एकीकृत चेक पोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया
- पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा.
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया. भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा/नौसेना/वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा.
- उच्चायोगों की कुल संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया गया है जिसे आगे और कम किया जाएगा.
पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था खतरे में
भारत सरकार अगर अगले 6 महीने तक Indus Water Treaty को सस्पेंड रखता है तो पाकिस्तान बना कुछ किए कंगाल हो जाएगा और बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज हो जाएगा. पाकिस्तान की करीब 60 % Agro-Economy ध्वस्त हो जाएगी और पाकिस्तान पड़ोंसी मूल को लोगों सो कटोरा लेकर सलतनत चलाने के लिए रहम की भीख मांगता नजर आएगा.
सीईआईसी के आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान भी इस समय नकदी की कमी के दौर से गुजर रहा है, इसका एक्सटर्नल लोन दिसंबर 2024 तक 131.1 बिलियन डॉलर था. जिससे पाकिस्तान की आबादी के हिसाब से हर आदमी के ऊपर 1.45 लाख रुपए का कर्ज है.
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- भारत एक्सप्रेस
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