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शंभू बॉर्डर खोलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, किसान नेताओं से प्रशासन की रोजाना मीटिंग करने की मांग

Shambhu Border: मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि समिति के लिए अभी तक नाम तय नहीं हुआ है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है.

Shambhu Border Supreme Court

शंभू बॉर्डर और सुप्रीम कोर्ट.

Supreme Court on Shambhu Border: शंभू बॉर्डर को खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 2 सितंबर को सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि समिति के लिए अभी तक नाम तय नहीं हुआ है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोलने का आदेश दिया था.

किसान नेताओं से प्रशासन की रोजाना मीटिंग करने की मांग

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाईवे कोई पार्किंग की जगह नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने DGP पंजाब और DGP हरियाणा साथ ही अम्बाला और पटियाला जिले के पुलिस प्रमुख को एक सप्ताह में बैठक करने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि हम मामले को लंबित रखते हैं. किसानों को भी नहीं लगना चाहिए कि उनको अलग-थलग और किनारे कर दिया गया है. शंभु बॉर्डर खोलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने किसान नेताओं से प्रशासन की रोजाना मीटिंग करने की माँग की है, ताकि बॉर्डर खुल सकें.

हरियाणा और पंजाब बिना कारण कर रहे हैं देरी?

एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि हरियाणा और पंजाब शंभु बॉर्डर को खोलने के लिए बिना किसी कारण देरी कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अंबालावासी दयनीय हालत में हैं. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने आश्वस्त किया कि मामले में किसी बात की देरी नहीं होगी. बता दें कि इस मामले में अब अगली सुनवाई 2 सितंबर 2024 को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब को किसान नेताओं से बातचीत कर मामले का हल करने की बात कही. वहीं पंजाब सरकार किसानों से बात करने के लिए बनाई कमेटी के लिये अन्य नये नाम देगी

-भारत एक्सप्रेस

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