सपा प्रमुख, अखिलेश यादव
UP News: उत्तर प्रदेश में लखनऊ मंडल के 8 रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के बाद सियासत तेज हो गई है. इसको लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा है और कहा है कि नाम बदलने से फुरसत मिल जाए तो रिकॉर्ड कायम करते रेल हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें.
जानें नए नाम
बता दें कि मंगलवार को सरकार ने उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में आठ स्टेशनों के नाम बदलने को भी मंजूरी दे दी है. कासिमपुर हॉल्ट को अब जायस सिटी कहा जाएगा. जायस का नाम बदलकर गुरु गोरखनाथ धाम कर दिया गया है. मिश्रौली को अब मां कालीकन धाम कहा जाएगा. बानी को अब स्वामी परमहंस कहा जाएगा. निहालगढ़ (एनएचएच) को महाराजा बिजली पासी (एमबीएलपी) कर दिया गया है. अकबर गंज को अब मां अहोरवा भवानी धाम कहा जाएगा. वारिसगंज हॉल्ट का नाम बदलकर अमर शहीद भाले सुल्तान कर दिया गया. वहीं फुर्सतगंज को अब तपेश्वरनाथ धाम कहा जाएगा.
मालूम हो कि इन स्टेशनों के नाम संतों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखे गए हैं. बता दें कि अमेठी की पूर्व सांसद और भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने इन जगहों की सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करने की मांग की थी. इसके बाद इन स्टेशनों का नाम बदला गया है.
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जायस स्टेशन के पास गुरु गोरखनाथ धाम आश्रम है, इसलिए स्टेशन का नाम आश्रम के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा गया था. उन्होंने आगे कहा कि मिश्रौली, बानी, अकबरगंज और फुरसतगंज रेलवे स्टेशनों के पास भगवान शिव और देवी काली के कई मंदिर हैं और उनके नाम उसी के अनुसार रखे गए हैं. निहालगढ़ स्टेशन ऐसे इलाके में स्थित है, जहां पासी समुदाय की अच्छी खासी आबादी है. यहां ज्यादातर किसान रहते हैं, इसलिए इसका नाम बदलकर महाराजा बिजली पासी के नाम पर रखा गया है.
उन्होंने कहा कि वारिसगंज को भाले सुल्तान की बहादुरी के लिए जाना जाता है. उन्होंने 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और इसलिए स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया.
अखिलेश ने कही ये बात
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ़ ‘नाम’ नहीं, हालात भी बदलें. इसी के आगे उन्होंने कहा है कि …और जब नाम बदलने से फ़ुरसत मिल जाएं तो रिकार्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स के हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें.
भाजपा सरकार से आग्रह है कि रेलवे स्टेशनों के सिर्फ़ ‘नाम’ नहीं, हालात भी बदलें।
… और जब नाम बदलने से फ़ुरसत मिल जाएं तो रिकार्ड कायम करते रेल-एक्सीडेंट्स के हादसों के रोकथाम के लिए भी कुछ समय निकालकर विचार करें।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 27, 2024
सतीश कुमार बने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ
रेल मंत्रालय ने मंगलवार को सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्त किया. एक आदेश में कहा गया है, “मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन और रोलिंग स्टॉक), भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (आईआरएमएस) सतीश कुमार को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.” इसमें कहा गया है कि उनकी नियुक्ति एक सितंबर या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से उनकी सेवानिवृत्ति तक रहेगी.
-भारत एक्सप्रेस
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