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अडानी पावर लिमिटेड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

Adani Power Limited: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एक खंडपीठ ने अडानी पावर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि वापस करने के फैसले को पलट दिया था.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट.

Adani Power Limited: अडानी पावर लिमिटेड द्वारा हिमाचल के किन्नौर जिले में 969 मेगावाट की जंगी थोपन पावर परियोजना को लेकर दायर अडानी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. जस्टिस एमएम सुंदरेश और अरविंद कुमार की बेंच याचिका पर सुनवाई कर रही है. अडानी ने जंगी थोपन पावर परियोजना के संबंध में हिमालय प्रदेश सरकार से 280 करोड़ रुपये वापस मांगने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती

बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एक खंडपीठ ने अडानी पावर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि वापस करने के फैसले को पलट दिया था. 2022 में एकल पीठ ने किन्नौर जिले में 969 मेगावाट की जंगी थोपन पावर पनबिजली परियोजना जे जुड़े अडानी पावर लिमिटेड को 280 करोड़ रुपये की प्रीमियम राशि वापस करने का आदेश दिया था. जिसको डिवीजन बेंच ने हाल ही में पलट दिया था, जिसके खिलाफ अडानी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

हिमाचल हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अडानी समूह ने कोर्ट में विचाराधीन मामले में बैक डोर से प्रोजेक्ट में इन्वेस्ट किया जो कि प्रोजेक्ट के करार के खिलाफ है. ऐसे में अडानी समूह को प्रीमियम राशि नही लौटाई जाएगी. सरकार ने प्रोजेक्ट का करार ब्रैकेल कंपनी के साथ किया था, लेकिन कंपनी ने फ़्रॉड करके फर्जी दस्तावेज पर प्रोजेक्ट हासिल किया था, जो करार के खिलाफ पाया गया और बिना सरकार के सहमति से अडानी समूह को प्रोजेक्ट का मेंबर बना लिया. ऐसे में ब्रैकेल कंपनी भी प्रीमियम राशि की हकदार नही है.

280.06 करोड़ रुपये की वापसी की मांग

बता दें कि 2019 में अडानी पावर ने किन्नौर जिले में दो पनबिजली परियोजनाओं के संबंध में ब्रैकेल कॉर्पोरेशन की ओर से किए गए भुगतान का हवाला देते हुए ब्याज सहित 280.06 करोड़ रुपये की वापसी की मांग करते हुए एक रिट याचिका दायर की है. 969 मेगावाट की परियोजना 2007 में ब्रैकेल को सौंपी गई थी, लेकिन कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया और अग्रिम प्रीमियम जमा नहीं किया. इसके बाद यह प्रोजेक्ट अडानी ग्रुप को दे दिया गया. अडानी ने अग्रिम प्रीमियम के लिए ब्याज समेत 280.06 करोड़ रुपये रिफंड की मांग की. बाद में इस प्रोजेक्ट का टेंडर को रद्द कर दिया गया.

-भारत एक्सप्रेस



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