दिल्ली हाई कोर्ट.
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में कथित आरोपी और ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमनदीप सिंह ढल्ल की ओर से दायर जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. ढल ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत की गुहार लगाई है. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अमनदीप ढल्ल की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया.
अमनदीप ने क्या दिया तर्क?
अमनदीप ढल्ल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने समानता के आधार पर तर्क दिया कि इसी मामले में शामिल मनीष सिसोदिया, के कविता और विजय नायर जैसे व्यक्तियों को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है. कृष्णन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मुकदमे के लंबे चलने की उम्मीद है और ढल्ल, अन्य आरोपियों के साथ पहले से ही कई महीनों से हिरासत में हैं.
ED ने किया विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की और से पेश अधिवक्ता विवेक गुरनानी ने अमनदीप ढल्ल की जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने तर्क दिया कि ढल्ल पर विशेष रूप से गवाहों को प्रभावित करने और हिरासत में रहते हुए रिश्वत देने और जांच को प्रभावित करने का प्रयास करने का आरोप है.
गुरनानी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन आरोपों का समर्थन करने वाले पर्याप्त डिजिटल साक्ष्य और गवाहों के बयान हैं. उन्होंने तर्क दिया कि मुकदमे में देरी ढल्ल की हरकतों के कारण हुई है जो उनके मामले को जमानत पाने वाले अन्य व्यक्तियों के मामलों से अलग करती है.
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4 जून को उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से संबंधित सीबीआई मामले के संबंध में अमनदीप ढल्ल को जमानत देने से इनकार कर दिया था. अदालत ने आरोपों की गंभीरता, अभियोजन पक्ष द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्य और इस तथ्य का हवाला दिया कि आरोप अभी तय नहीं हुए हैं और साक्ष्य दर्ज नहीं किए गए हैं. अदालत ने यह भी नोट किया कि मामले से अपना नाम हटाने के लिए ईडी अधिकारी को रिश्वत देने के आरोप में ढल्ल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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