Rahul Gandhi In US: कांग्रेस के सिपहसालार राहुल गांधी 3 दिन के अमेरिका दौरे पर हैं. वहां उन्होंने कई ऐसी बातें कही हैं, कि भारत में उनके बयानों पर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है. राहुल के पीएम मोदी, लोकसभा चुनाव में पारदर्शिता और चीन की तारीफ वाले बयान पर हंगामा मच गया है.
अमेरिका में राहुल ने मंगलवार को कहा है कि भारत में लोकसभा चुनाव के बाद कुछ बदल गया है. अब हमें डर नहीं लगता. डर निकल गया है. वहां भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने इतना डर फैलाया, छोटे व्यवसायियों पर एजेंसियों का दबाव बनाया, चुनाव परिणाम के बाद सब कुछ सेकंड में गायब हो गया. उन्होंने कहा, “अब संसद में, मैं प्रधानमंत्री मोदी को सामने देखता हूं. यहां मैं बता सकता हूं मोदी का विचार, 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, ये सब अब खत्म हो गया है, ये सब अब इतिहास बन गया है.’
#WATCH | Washington, D.C, USA: Lok Sabha LoP and Congress MP Rahul Gandhi says, “…Halfway through the campaign, Modi didn’t think that he was near 300-400 seats…We knew when he said that I speak directly to God. We knew that there we had blown him apart…We saw it as a… pic.twitter.com/ViqVKcs5va
— ANI (@ANI) September 10, 2024
आरक्षण खत्म का अभी सही समय नहीं, समानता नहीं: कांग्रेस नेता
अमेरिका में राहुल गांधी से जब यह पूछा गया कि भारत में जाति के आधार पर आरक्षण कब तक जारी रहेगा? तो उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब देश में निष्पक्षता होगी. फिलहाल देश में ऐसी स्थितियां नहीं हैं.” राहुल गांधी ने ये बयान जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए दिया.
राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर कहा- “जब भारत में आप वित्तीय आंकड़ें देखेंगे, तो पाएंगे कि वहां आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपए मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही धनराशि मिलती है. लेकिन वास्तविकता यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है. समस्या यह है कि देश के 90% लोगों को समान अवसर नहीं मिल रहे हैं.”
दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा: राहुल गांधी
राहुल गांधी बोले- “भारत में अभी जातिगत जणगणना होनी चाहिए. देश के दलित, OBC, आदिवासी को उनका हक नहीं मिल रहा है. देश के 90% आबादी वाले OBC, दलित और आदिवासी इस खेल में ही नहीं हैं. जातिगत जनगणना यह जानने का आसान तरीका है कि निचली जातियां, पिछड़ी जातियां और दलित किस स्थिति में हैं. टॉप 200 बिजेनस की लिस्ट देखिए. 90% लोगों का कहीं भी हिस्सा नहीं है. देश के सर्वोच्च न्यायालय में देखिए, उनकी कोई भागीदारी नहीं है. लोगों का कहीं भी हिस्सा नहीं है. मीडिया में देखिए, वहां निचली जातियां, OBC, दलित हैं ही नहीं.”
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