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Navratri 2024 Day 6: नवरात्रि के छठे दिन ऐसे करें मां कात्यायनी की पूजा, जानें मंत्र, भोग, आरती और उपाय

Navratri 2024 Day 6 Maa Katyayni Puja: शारदीय नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है. इस दिन माता कात्यायनी की पूजा के लिए विधि, मंत्र, भोग और आरती जानें.

Maa Katyayni

मां कात्यायनी.

Shardiya Navratri 2024 Day 6 Maa Katyayni Puja: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है. इस साल शारदीय नवरात्रि में मां कात्यायनी की पूजा मंगलवार, 8 अक्टूबर को की जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी का जन्म कात्ययन ऋषि के घर में हुआ था, इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है. मां दुर्गा अपने कात्यायनी स्वरूप में अस्त्र-शस्त्र के साथ कमल के आसन पर विराजमान हैं.

माता कात्यायनी को ब्रह्मांड की अधिष्ठात्री देवी के रूप में जाना जाता है. देवी कात्यायनी की पूजा से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. साथ ही इनकी उपासना से मनचाहा वर प्राप्त होता है. ज्योतिष में इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से माना गया है. आइए, अब जानते हैं नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा के लिए सही विधि, मंत्र, भोग और आरती.

मां कात्यायनी पूजा-विधि | Maa Katyayni Puja Vidhi

माता कात्यायनी की पूजा के दौरान उन्हें पीले फूल और इसी रंग की सामग्रियों का भोग लगाना चाहिए. मां कात्यानी की पूजा में उन्हें शहद अर्पित करना लाभकारी माना गया है. कात्यायनी को सुगंधित फूल अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. इसके अलावा मां कात्यायनी को अक्षत, कुमकुम और सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. इतना करने के बाद माता कात्यायनी की समक्ष घी का दीपक जलाएं और उनके मंत्रो का उच्चारण करें. पूजन के अंत में घी या कपूर से माता की आरती करें.

मां कात्यायनी मंत्र | Maa Katyayni Mantra

या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि

ॐ क्रीं कात्यायनी क्रीं नम:

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मां कात्यायनी भोग | Maa Katyayni Bhog

शारदीय नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाएं. मान्यता है कि माता कात्यायनी को शहद का भोग लगाने से हर प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

मां कात्यायनी आरती | Maa Katyayni Aarti

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी
जय जग माता, जग की महारानी

बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहां वरदाती नाम पुकारा

कई नाम हैं, कई धाम हैं
यह स्थान भी तो सुखधाम है

हर मंदिर में जोत तुम्हारी
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी

हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भक्त हैं कहते

कात्यायनी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की

झूठे मोह से छुड़ाने वाली
अपना नाम जपाने वाली

बृहस्पतिवार को पूजा करियो
ध्यान कात्यायनी का धरियो

हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी

जो भी मां को भक्त पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे

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