EVM
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों से कांग्रेस नाखुश है और हार का ठीकरा EVM पर फोड़ा है. 8 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर परिणाम घोषित किए थे, जिसमें भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था.
भाजपा ने 48 सीट जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. चुनाव परिणाम में कांग्रेस को मिली हार के बाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने EVM पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का दावा है कि जहां-जहां EVM की बैटरी 99 प्रतिशत तक चार्ज थी. वहां कांग्रेस को हार मिली. वहीं, जहां EVM की बैटरी 60 से 70 प्रतिशत चार्ज थी, वहां कांग्रेस जीत गई. क्या बैटरी के कम या ज्यादा चार्ज होने से वोटों की गिनती पर इसका असर पड़ सकता है.
इसे लेकर आईएएनएस ने शुक्रवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी से बात की. उन्होंने कहा, “मुझे समाचार के माध्यम से जानकारी मिली है कि कांग्रेस पार्टी को EVM को लेकर कुछ इश्यू थे. कांग्रेस ने दावा किया है कि जहां EVM की बैटरी फुल थी वहां हार गए और जहां बैटरी कम थी वहां जीत गए. कांग्रेस ने तीन जिलों का मुद्दा उठाया है. मैं समझता हूं कि EVM की बैटरी के ज्यादा या कम चार्ज रहने से वोटों की गिनती पर असर नहीं पड़ता है. हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग ने कांग्रेस को आश्वासन दिया है कि इस पूरे मामले की जांच करेंगे. लेकिन, मुझे नहीं लगता कि जांच में कोई बात निकलकर सामने आएगी. क्योंकि बैटरी का कंपार्टमेंट अलग होता है. पोलिंग के दौरान भी कई बार EVM की बैटरी बदली जाती है.”
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा, “एक बार जब वोट पड़ चुके हैं और इसके बाद बैटरी बदली भी जाती है तो काउंटिंग के दौरान कोई दिक्कत नहीं आती है. क्योंकि, एक बार जो वोट पड़ गए. उसके साथ छेड़छाड़ नहीं हो सकती है.”
साथ ही उन्होंने कहा कि EVM मशीन भी बदली नहीं जा सकती है. क्योंकि, इसके लिए पूरी एक प्रक्रिया होती है. इसका डेटा भी हैक नहीं किया जा सकता है. चुनाव आयोग की जांच में भी कुछ निकलकर नहीं आएगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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