प्रतीकात्मक तस्वीर.
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव के नतीजों पर लगी रोक को दिल्ली हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है.मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एक बार फिर कहा कि पहले सार्वजनिक संपत्ति को साफ किया जाए, उसके बाद ही चुनाव की काउंटिंग की इजाजत दी जाएगी. कोर्ट ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने वाले उम्मीदवारों को तलब किया है. कोर्ट 28 अक्टूबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
कोर्ट ने डीएमआरसी (DMRC) और दिल्ली विश्वविद्यालय से ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान छात्र नेताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत मनचंदा ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि डीयू (DU) द्वारा दाखिल स्टेटस रिपोर्ट भ्रामक है. मनचंदा ने DU के स्टेटस रिपोर्ट का खंडन करने के लिए तस्वीरों के साथ अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सार्वजनिक सम्पत्तियों की 90 फीसदी सफाई हो चुकी है.
संपत्ति को नुकसान पहुचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की
चीफ जस्टिस मनमोहन ने कहा कि हम उन लोगों पर कार्रवाई शुरू कर सकते हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा सम्पत्तियों का नुकसान पहुचाया है. कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुचाने और गंदा करने वालों के खिलाफ दिल्ली मेट्रो अधिनियम के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
हमने ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा: कोर्ट
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिल्ली में हर दिन कोई ना कोई संकट आता रहता है. डेंगू, मलेरिया और यह लोकतंत्र त्योहार. कोर्ट ने कहा कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) का त्योहार नहीं माना जा सकता है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आपने इस चुनाव में आम चुनाव से भी ज्यादा पैसा खर्च किया है. हाईकोर्ट ने छात्रों व उम्मीदवारों से परिसर को साफ करने और पोस्टर हटाने को कहा था ताकि DUSU चुनाव की गिनती की अनुमति दी जा सके. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उम्मीदवारों से कहा था कि आपने इतना पैसा खर्च किया है कि आप उस जगह को साफ कर सकते हैं. आप क्या कर रहे हैं और क्या बनते जा रहे हैं. हमने ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा.
-भारत एक्सप्रेस
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