झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Madhu Koda case) से झटका लगा है. मधु कोड़ा की ओर से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मधु कोड़ा अब झारखंड विधानसभा (Jharkhand Vidhan SabhaElection 2024) का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
रोक लगाने का उचित आधार नहीं: कोर्ट
जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अफजल बनाम उत्तर प्रदेश के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वो सहमत हैं. कोर्ट ने कहा कि मधु कोड़ा की सजा पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं है. दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मधु कोड़ा की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहता है कि वह चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं है.
यह मामला सुनवाई योग्य नहीं: CBI
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया से यही लगता है कि वह इस मामले में दोषी हैं. इसलिए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है. सीबीआई (CBI) ने मधु कोड़ा की ओर से दायर याचिका का विरोध किया था. सीबीआई ने कहा था कि हाईकोर्ट (High Court) इस मामले में पहले ही ऐसी ही याचिका खारिज कर चुका है. ऐसे में यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. सीबीआई ने कहा था कि इस अदालत ने राजनीति को अपराधमुक्त किये जाने के लिए कदम उठाने की बढ़ती मांग पर गौर किया. इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था.
2017 में हुई थी सजा
कोड़ा ने अदालत से 2024 का झारखंड राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 13 दिसंबर 2017 के दोषसिद्धि आदेश को निलंबित करने का आग्रह किया था. निचली अदालत ने मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों की धाराओं में साल 2017 में दोषी करार दिया था. उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी और 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया भी लगाया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु और विजय जोशी को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. तीन साल की सजा के अलावे मधु कोड़ा को 25 लाख, विजय जोशी को 1 करोड़ 25 लाख, एचसी गुप्ता को एक लाख रुपये, एके बसु को एक लाख और विनी आयरन एंड स्टील कंपनी को 50 लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश दिया था.
-भारत एक्सप्रेस
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