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दिल्ली HC ने सभी ऑटोरिक्शा में मीटर व्यवस्था सुनिश्चित कराने तथा किराया नियमों का पालन कराने का सरकार को दिया निर्देश

याचिका में कहा गया कि 2018 से ऑटोरिक्शा में किराया मीटर नहीं लगाए जा रहे हैं और परिवहन विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

delhi high court

दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि सभी ऑटोरिक्शा में किराया मीटर लगे हों और किराया मीटर के अनुसार ही लिया जाए. इसके लिए हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग को औचक निरीक्षण करने और जमीनी स्तर पर नियमों का सख्ती से पालन करवाने को कहा है.

मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने यह निर्देश याचिकाकर्ता आनंद मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. मिश्रा ने अपनी याचिका में मांग की थी कि नियमों के तहत सभी ऑटोरिक्शा में किराया मीटर होना चाहिए और किराया भी उसी के आधार पर वसूला जाना चाहिए. याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर 17 सितंबर को सरकार के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था और मोटर वाहन अधिनियम के नियम 74 को सख्ती से लागू करने की मांग की थी, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने के बाद उन्हें याचिका दायर करनी पड़ी.

हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग से कहा है कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर तीन हफ्ते के भीतर विचार करें और उचित आदेश पारित करें. नियम 74 के तहत सभी ऑटोरिक्शा और टैक्सियों में किराया मीटर लगाने का प्रावधान है. याचिका में यह भी कहा गया कि 2018 से ऑटोरिक्शा में किराया मीटर नहीं लगाए जा रहे हैं और परिवहन विभाग ने इस समस्या का समाधान करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है.

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कोर्ट ने सरकार के वकील से पूछा कि लोग किराया मीटर का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं. इस पर वकील ने बताया कि सभी ऑटोरिक्शा में मीटर मौजूद है, और प्रत्येक ऑटो रिक्शा में एक शिकायत नंबर भी दिया गया है. यदि कोई ऑटो चालक मीटर के अनुसार किराया नहीं वसूलता, तो यात्री इसकी शिकायत कर सकते हैं.

अदालत ने कहा कि किराया मीटर का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो. न्यायमूर्ति ने कहा कि जब वे छोटे थे और ऑटोरिक्शा में सफर करते थे, तो ऑटो चालक कभी-कभी मीटर को कपड़े से ढक देते थे और किराया बातचीत के आधार पर तय होता था. यह गलत है, और परिवहन विभाग को चाहिए कि वह औचक निरीक्षण करे. विभाग के निरीक्षकों को जमीनी स्तर पर अपनी उपस्थिति बनाए रखनी चाहिए ताकि इस प्रकार की समस्याएं दोबारा न उठें.

-भारत एक्सप्रेस



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