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जहरीले सांपों के काटने से होने वाली मौत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, जानें याचिकाकर्ता की अपील

Poisonous Snake: जहरीले सांपों के काटने से मौत की घटना अक्सर सुनने की मिलती रही है. अब इसको लेकर देश के सबसे बड़ी अदालत में एक याचिका दायर की गई है.

(प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)

Poisonous Snake Bites: जहरीले सांपों के काटने से मौत की घटना अक्सर सुनने की मिलती रही है. अब इसको लेकर देश के सबसे बड़ी अदालत में एक याचिका दायर की गई है. यह याचिका वकील कोर्ट के वकील विशाल तिवारी के माध्यम से दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि देश के सरकारी अस्पतालों, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पतालों में पॉलीवेनम (एंटीवेनम) और सर्पदंश उपचार उपलब्ध कराया जाए ताकि लोगों की जान बचाई जा सके.

याचिका में और क्या कहा गया है

साथ ही ग्रामीण भारत में विशेष रूप से मृत्यु दर में भारी कमी लाने के लिए सर्पदंश रोकथाम स्वास्थ्य मिशन और सर्पदंश जन जागरूकता अभियान चलाने की मांग की गई है. इसके अलावा याचिका में कहा गया है कि सरकारी जिला अस्पतालों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मानक चिकित्सा मानदंडों के अनुसार विशेष प्रशिक्षित डॉक्टरों के साथ सर्पदंश उपचार और देखभाल इकाई की स्थापना की जाए.

दो दशकों में दस लाख से ज़्यादा भारतीयों की मौत

याचिकाकर्ता के मुताबिक पिछले दो दशकों में साँप के काटने से दस लाख से ज़्यादा भारतीयों की मौत हुई है ”यह दर्शाता है कि भारत में 2000 से 2019 तक 1.2 मिलियन साँप के काटने से मौतें हुईं (जो औसतन 58,000 प्रति वर्ष है) जिनमें से लगभग आधे पीड़ित 30-69 वर्ष की आयु के थे और एक चौथाई से ज़्यादा 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे थे.

प्रत्येक साल 58000 लोगों की मौत

बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश (जिसमें हाल ही में परिभाषित राज्य तेलंगाना भी शामिल है), राजस्थान और गुजरात में घनी आबादी वाले कम ऊँचाई वाले कृषि क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को 2001-2014 की अवधि के दौरान 70% मौतें झेलनी पड़ीं, खास तौर पर बरसात के मौसम में जब घर और बाहर साँपों और इंसानों के बीच मुठभेड़ ज़्यादा होती है. याचिकाकर्ता के मुताबिक जहरीले सांप के काटने से प्रत्येक साल 58000 लोगों की मौत हो जाती है.

-भारत एक्सप्रेस



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