(प्रतीकात्मक तस्वीर: सोशल मीडिया)
बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पत्रकारों के नामों (List of Journalists) की एक भारी भरकम लिस्ट सोशल मीडिया (Social Media) काफी वायरल (Viral) हो रही है. इसमें पत्रकारों के नाम, फिर एक संख्या, उनके संस्थान का नाम और फोन नंबर लिखा हुआ है. लिस्ट में लगभग 100 पत्रकारों के नाम हैं.
सोशल मीडिया पर यह लिस्ट लगातार चर्चा-परिचर्चा का विषय बनी हुई थी. लोगों को ये समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर पत्रकारों की ये लिस्ट किस बारे में है. लोग तमाम तरह की अटकलें लगा रहे थे. मामले में ट्विस्ट तब आता है, जब इस लिस्ट को भ्रष्टाचार (Corruption) से जोड़ दिया गया.
पुलिस करेगी जांच
इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस (Madhya Pradesh Police) की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने इस संबंध में एक FIR दर्ज कर ली है. पत्रकारों की लिस्ट को भ्रष्टाचार से जोड़े जाने के बाद चार पत्रकारों ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इस फर्जी लिस्ट को फैलाकर मध्य प्रदेश के पत्रकारों की प्रतिष्ठा और छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में DCP अखिल पटेल ने को बताया, ‘सोमवार (28 अक्टूबर) को भोपाल शहरी जिले की क्राइम ब्रांच यूनिट में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं (जालसाजी और मानहानि) के तहत एफआईआर दर्ज की गई. हम जांच शुरू करेंगे और उन लोगों से पूछताछ करेंगे, जिन्होंने लिस्ट वायरल की है.’
शिकायतकर्ता ने क्या कहा
शिकायतकर्ताओं में से एक Digiana Media Group के संस्थापक और समूह संपादक रिजवान अहमद सिद्दीकी (Rizwan Ahmad Siddiqui) ने बताया, ‘हमने कुछ लोगों के नाम सौंपे हैं, जिन्होंने लिस्ट को वायरल किया है और उनके सोशल मीडिया हैंडल भी सौंपे हैं. हम चाहते हैं कि पुलिस उनसे पूछताछ करके मामले की तह तक जाए.
एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि पत्रकारों के नाम वाली एक सूची ‘सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें परिवहन विभाग के साथ अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं.’
कांग्रेस नेता क्या बोले
Congress के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Vivek Tankha) ने सोशल साइट X पर पोस्ट करते हुए राज्य पुलिस से इस लिस्ट की जांच करने को कहा है. उन्होंने लिखा, ‘मध्य प्रदेश तो अजब और गजब है. प्रदेश के पत्रकारों की 4 पन्नों की सूची वायरल है. कहा जा रहा है कि यह ट्रांसपोर्ट विभाग की मंथली पेमेंट लिस्ट है. 1996 की राजनीतिक ‘हवाला कांड’ सूची की तरह इसमें छोटे और बड़े सब नाम हैं. मुझे इसकी सत्यता पर भरोसा नहीं.’
आंतरिक विरोधाभास का परिणाम है। @DrMohanYadav51 जी के विरोधियों का खेल है।इसका परिणाम बहुत घातक है। पत्रकार बंधुओं के सम्मान और प्रतिष्ठा पे सीधा आक्रमण। लोग बहुत आहत होगे। @DGP_MP और @MPPoliceDeptt इसका संज्ञान ले। और इस कलंकित आरोप की सचाई सामने लाए। पत्रकारिता पे बड़ा हमला।२/२
— Vivek Tankha (@VTankha) October 28, 2024
उन्होंने आगे कहा, ‘कहते हैं यह BJP के आंतरिक विरोधाभास का परिणाम है. मुख्यमंत्री मोहन यादव (Mohan Yadav) जी के विरोधियों का खेल है. इसका परिणाम बहुत घातक है. यह पत्रकार बंधुओं के सम्मान और प्रतिष्ठा पर सीधा आक्रमण है. लोग बहुत आहत होंगे. मध्य प्रदेश के DGP और पुलिस विभाग इसका संज्ञान लें और इस कलंकित आरोप की सचाई सामने लाए.’
उनके इस पोस्ट पर राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल (Prahlad Patel) ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘यह आपका और कांग्रेस का दृष्टिकोण है जो मध्य प्रदेश का मजाक उड़ा रहा है और पत्रकारों का अपमान करने पर आमादा है. विपक्ष के लिए इतना नीचे गिरना ठीक नहीं है.’
-भारत एक्सप्रेस
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