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जेपीसी की बैठक में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने बिल का किया समर्थन, विपक्षी सांसदों की मांग पर दिल्ली सरकार को भी बुलाएगी जेपीसी

विपक्षी सांसदों ने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत कार्य करता है और मंत्रालय निर्वाचित सरकार के अंतर्गत कार्य करता है, इसलिए वक्फ बोर्ड द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होती है.

जेपीसी की मंगलवार को हुई बैठक के दौरान एक बार फिर दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) द्वारा दिल्ली सरकार की अनुमति लिए बिना अपना पक्ष रखने को लेकर सांसदों के बीच जोरदार बहस हुई. लोकसभा के महासचिव के साथ विचार विमर्श करने के बाद जेपीसी चेयरमैन ने सोमवार को ही यह फैसला कर दिया था कि जेपीसी मंगलवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड का पक्ष सुनेगी. लेकिन मंगलवार को विपक्षी दलों ने एक बार फिर जेपीसी की बैठक में इस मुद्दे को उठाया. विपक्षी सांसदों ने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत कार्य करता है और मंत्रालय निर्वाचित सरकार के अंतर्गत कार्य करता है, इसलिए वक्फ बोर्ड द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होती है. लेकिन दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ ने इसे नजरअंदाज कर दिया.

दिल्ली सरकार के स्टैंड को भी सुना जाना चाहिए

दिल्ली वक्फ बोर्ड के ओरल प्रेजेंटेशन के दौरान विपक्षी सांसदों ने विरोध करते हुए यह मांग भी कर दी कि ऐसी परिस्थिति में दिल्ली सरकार के स्टैंड को भी सुना जाना चाहिए. जेपीसी चेयरमैन ने इस मांग को स्वीकार कर लिया. अगली बैठक में जेपीसी दिल्ली सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रतिनिधि को भी अपना पक्ष रखने का मौका देगी. बताया जा रहा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अपना पक्ष रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024 का समर्थन किया है.

सांसद कल्याण बनर्जी ने अपने व्यवहार को लेकर सफाई दी

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी बिल को लेकर अपना प्रजेंटेशन दिया. वहीं तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी अपने व्यवहार को लेकर सफाई दी. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने उन्हें अपशब्द कहे, उन पर व्यक्तिगत आरोप लगाया और कुर्सी छोड़कर उनके पास आ गए, इसके बावजूद चेयरमैन ने उन्हें नरम रहने को कहा, इसलिए उन्हें गुस्सा आ गया. उन्होंने कहा कि इसी गुस्से में बोतल फूट गई और उनका कोई इरादा चेयरमैन की तरफ बोतल फेंकने का नहीं था. उन्होंने तो कई बार इसके बाद सॉरी भी कहा.

सांसद कल्याण बनर्जी को निलंबित किया गया था

गौरतलब है क‍ि 22 अक्टूबर को हुई जेपीसी की बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी (MP Kalyan Banerjee) ने बैठक में हंगामे के माहौल के बीच टेबल पर रखी कांच की पानी की बोतल को टेबल पर पटक कर फोड़ दिया था. इससे कल्याण बनर्जी को चोट भी लग गई. इसके बाद उन्होंने बोतल के टूटे हुए हिस्सों को चेयरमैन की तरफ उछाल दिया था. उसी दिन जेपीसी की बैठक में बहुमत के आधार पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को उनके व्यवहार के लिए जेपीसी की बैठक से एक सत्र ( एक दिन ) के लिए निलंबित कर दिया गया था.

-भारत एक्सप्रेस



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