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Waqf Board

आजादी के बाद देशभर में फैली वक्त संपत्तियों के प्रबंधन के लिए साल 1954 में संसद ने वक्फ एक्ट पास किया. इसके बाद से ही वक्फ बोर्ड एक सरकारी संस्था की तरह काम करने लगी.

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि 2019 के बाद से केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को कोई नई ज़मीन नहीं दी है.

देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें कुछ राज्यों जैसे बिहार और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग शिया और सुन्नी बोर्ड हैं, जबकि कई राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में अभी तक वक्फ बोर्ड का गठन नहीं हुआ है.

आंध्र प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन एमडी फारूक ने मीडिया को बताया, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.

कॉलेज के प्रिंसिपल, प्रो. डीके सिंह ने बताया कि वक्फ बोर्ड की ओर से यह दावा मजार की भूमि को लेकर किया गया था, जिस पर कॉलेज प्रशासन ने तत्काल जवाब दिया था.

चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि यह नीतिगत मामला है, अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.

विपक्षी सांसदों ने तर्क दिया कि वक्फ बोर्ड अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत कार्य करता है और मंत्रालय निर्वाचित सरकार के अंतर्गत कार्य करता है, इसलिए वक्फ बोर्ड द्वारा दी गई किसी भी रिपोर्ट के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी होती है.

राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने इस आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के मुद्दे पर 4 नवंबर को विचार करेंगे. उन्होंने ईडी की ओर से समय मांगने के बाद अमानतुल्लाह खान की जमानत याचिका पर सुनवाई भी 7 नवंबर के लिए स्थगित कर दी है.

किसानों का कहना है कि उन्हें अपने पूर्वजों से 1,500 एकड़ जमीन विरासत में मिली. वे वहां खेती कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. अगर जमीन वक्फ में चली गई तो वे सड़क पर आ जाएंगे. इसलिए सरकार न्याय की गुहार लगाई है.

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड और वक्फ प्रॉपर्टीज को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. ओवैसी ने आज आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस वक्फ़ प्रॉपर्टी को लेकर अफ़वाह फैला रहे हैं.