प्रतीकात्मक फोटो.
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 156 अभ्यर्थियों को फायरमैन सीधी भर्ती परीक्षा 2021 से अपात्र घोषित कर दिया. इन अभ्यर्थियों की डिप्लोमा और डिग्री फर्जी पाई गई है. बोर्ड ने सरकार को सूचित किया है कि इनकी नौकरी तत्काल प्रभाव से रोक दी जाए.बोर्ड ने यह भी कहा कि जो अभ्यर्थी पहले ही ज्वाइन कर चुके हैं, वे भी जांच के दायरे में हैं. कुल 480 अभ्यर्थियों को पहले ही पोस्टिंग दी जा चुकी है, जिनके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है. बोर्ड ने अयोग्य करार दिए गए सभी 156 अभ्यर्थियों के रोल नंबर और नाम अपने वेबसाइट पर जारी कर दिया है. बोर्ड ने मामले की जांच के लिए इसकी जानकारी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को दी है.
जांच के बाद अभ्यर्थियों के भविष्य को लेकर फैसला होगा
मामले में राजस्थान कर्मचारी बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा, “फायरमैन भर्ती परीक्षा से कुल 156 अभ्यर्थियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न मिलने, जानकारी में गड़बड़ी, विश्वविद्यालय या कॉलेज द्वारा मांगे गए दस्तावेजों की कमी और कुछ अन्य कारणों से अपात्र घोषित किया गया है. जो अभ्यर्थी पहले ही चयनित होकर ज्वाइन कर चुके हैं, उनकी भी जांच की जाएगी.”
परीक्षा के बाद कुल 480 अभ्यर्थियों को पहले ही पोस्टिंग दी जा चुकी है, जिनके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है. फायरमैन सीधी भर्ती परीक्षा 2021 रविवार को जांच के दायरे में आ गई, जब एक फायरमैन ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान कथित तौर पर अनिवार्य ऊंचाई की शर्त को दरकिनार कर दिया. सूत्रों ने बताया कि 2021 में परीक्षा के लिए ऊंचाई का मानदंड न्यूनतम 165 सेमी निर्धारित किया गया था. उम्मीदवार दौसा जिले का है और वर्तमान में पास के जिले में तैनात है. एसओजी वर्तमान में मामले की जांच कर रही है. जांच से यह निर्धारित करना है कि भर्ती प्रक्रिया में कोई अनियमितता या कदाचार हुआ था या नहीं. एक उम्मीदवार ने केवल 161 सेमी की ऊंचाई के साथ शारीरिक परीक्षा सफलतापूर्वक पास कर लिया, जिससे भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं.
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दलालों ने 15 से 20 हजार रुपये लिए
रिपोर्ट्स के मुताबिक दलालों ने 15 से 20 हजार रुपये लेकर फायरमैन की परीक्षा में बैठने वाले युवाओं को डिप्लोमा और डिग्री उपलब्ध कराए थे. इस परीक्षा में फेल हुए अभ्यर्थी फर्जी डिप्लोमा लगाकर नौकरी पाने वालों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. और इन अभ्यर्थियों ने खुद ही सबूत राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को दिए थे.
-भारत एक्सप्रेस