छठ पूजा 2024 खरना.
Chhath Kharna Puja 2024: लोक आस्था का महापर्व छठ कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से शुरू हो जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना और अन्य दो दिनों में क्रमशः डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर से होने वाली है. इस दिन नहाय-खाय है. इसके अगले दिन यानी 6 नवंबर को खरना पूजा होगी. ऐसे में आइए जानते हैं खरना पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी माना गया है.
खरना 2024: सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
चार दिवसीय छठ महापर्व में सूर्योदय और सूर्यास्त का विशेष महत्व है. ऐसे में इस साल खरना के दिन सूर्योदय 6 बजकर 41 मिनट पर होगा. जबकि, सूर्यास्त शाम 6 बजकर 3 मिनट पर होगा.
कैसे की जाती है खरना पूजा?
छठ व्रतियों के लिए खरना विशेष महत्व रखता है. इस दिन व्रती महिलाएं उपवास रखती हैं. इसके साथ ही छठ व्रती शाम के समय नए चूल्हे और आम की लकड़ी की मदद से गुड़ की खीर का प्रसाद तैयार करती हैं. खरना के दिन इस प्रसाद को ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटों का निर्जल व्रत शुरू हो जाता है. जबकि व्रत का पारण छठ पूजा के अंतिम दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है.
यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन सामग्रियों के बिना अधूरा रह जाएगा छठ-व्रत, आज ही बना लें पूरी लिस्ट
खरना पूजा में साफ-सफाई का रखें ध्यान
चार दिनों के छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई और पवित्रता विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है. इसको नजरअंदाज कतई नहीं किया जा सकता है. ऐसे में खरना के दिन प्रत्येक छठ व्रतियों और उनके परिवार के सदस्यों को चाहिए कि वे खरना के दिन इसका विशेष ध्यान रखें. खरना का प्रसाद उस स्थान पर नहीं बनाया जाता है जहां पर आप नियमित रूप से भोजन पकाते हैं. खरना का प्रसाद तैयार करने के लिए घर के किसी नए और साफ-सुथरे गजह का चयन करना चाहिए.
खरना में ये नियम है बेहद जरूरी
खरना के दिन छठ का व्रत रख रही महिलाओं के अलावा परिवार के अन्य सदस्यों को भी लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन व्रतधारियों को बिस्तर पर ना सोकर जमीन पर सोना चाहिए.
यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: कब है छठ का पहला दिन ‘नहाय खाय’, जानें डेट, शुभ मुहूर्त और खास नियम
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.