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गौरक्षा आंदोलन के शहीदों की याद में 7 नवंबर को युवा चेतना आयोजित करेगी श्रद्धांजलि सभा

पचास के दशक के बहुत प्रसिद्ध संत स्वामी करपात्री जी महाराज लगातार गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून की मांग कर रहे थे.

gauraksha Andolan

गौरक्षा आंदोलन में 7 नवंबर 1966 को शहीद हुए गौ भक्तों, साधु-संतों की याद में युवा चेतना की ओर से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है. ये श्रद्धांजलि सभा आगामी 7 नवंबर को सुबह साढ़े 9 बजे कॉस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित की जाएगी. कार्यक्रम की जानकारी युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने दी.

उन्होंने बताया कि 7 नवंबर 1966 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के द्वारा गौ रक्षा आंदोलन में शामिल गौ माता, श्रद्धालुओं और संतों के ऊपर गोलियां चलवाई गई थीं. आजाद भारत में खून की होली इंदिरा गांधी की सरकार ने सनातनियों के साथ खेली थी. 7 नवंबर को नई दिल्ली में उन सभी सनातनी सेनानियों की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है.

क्या था गौरक्षा आंदोलन?

दरअसल, पचास के दशक के बहुत प्रसिद्ध संत स्वामी करपात्री जी महाराज लगातार गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून की मांग कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार इस तरह का कोई कानून लाने पर विचार नहीं कर रही थी. इससे संतों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा था. उनके आह्वान पर सात नवंबर 1966 को देशभर के लाखों साधु-संत अपने साथ गायों-बछड़ों को लेकर संसद के बाहर जमा हो गए थे.

-भारत एक्सप्रेस



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