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Delhi Riots: हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या मामले में दो लोगों को दिल्ली हाई कोर्ट से मिली जमानत

दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के दो आरोपी मोहम्मद जलालुद्दीन व मोहम्मद वसीम को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. यह जमानत दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर 60/2020 में दी गई है.

Delhi HC

प्रतीकात्मक फोटो

दिल्ली दंगे के दौरान पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के दो आरोपी मोहम्मद जलालुद्दीन व मोहम्मद वसीम को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. यह जमानत दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर 60/2020 में दी गई है.

न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने जलालुद्दीन को जमानत देते हुए कहा कि वह तीन साल सात महीने से जेल में है. आरोपों पर बहस के लिए मामला 26 अक्टूबर, 2020 से लंबित है. उसके नौ आरोप पत्रों में 270 से अधिक गवाह हैं. उसके दोषी या निर्दोष होने का निर्धारण पूरा होने में काफी समय लग सकता है. ऐसी दशा में उसे अनिश्चित काल के लिए जेल में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि ऐसा करने से उसके मौलिक अधिकार का हनन होगा. यह देखते हुए उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है. न्यायमूर्ति ने वसीम को जमानत देते हुए कहा कि उसके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और पुलिस ने भौतिक साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज जब्त कर लिए हैं. उसे भी जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है.

नहीं है कोई आपराधिक इतिहास

कोर्ट ने जलालुद्दीन के बारे में यह भी कहा कि वह अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला है. उसका कोई पिछला आपराधिक इतिहास नहीं है. वह 28 सितंबर, 2020 से सलाखों के पीछे है. उसके लगातार जेल में रहने के कारण उसके परिवार को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है क्योंकि उसकी लगभग नौ महीने की नाबालिग बेटी इलाज के अभाव में मर गई.

वजीराबाद रोड पर हिंसक हो गई थी भीड़

अभियोजन पत्र के अनुसार प्रदर्शनकारी दोपहर करीब एक बजे डंडे, लाठियां, बेसबाल बैट, लोहे की राड और पत्थर लेकर मुख्य वजीराबाद रोड पर जमा होने लगे और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की परवाह न करते हुए हिंसक हो गए. प्रदर्शनकारियों को बार-बार चेतावनी देने के बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल और गैस के गोले का इस्तेमाल किया गया.

प्रदशर्नकारियों ने पुलिस को भी पीटा

हिंसक प्रदशर्नकारियों ने लोगों के साथ-साथ पुलिस कर्मिंयों को भी पीटना शुरू कर दिया, जिससे उसके दाहिने कोहनी और हाथ में चोट लग गई. वे डीसीपी शाहदरा, एसीपी गोकुलपुरी और हेड कांस्टेबल रतन लाल पर हमला किया, जिससे वे सड़क पर गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए. सभी घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि एचसी रतन लाल की पहले ही चोटों के कारण मौत हो चुकी थी. डीसीपी शाहदरा बेहोश थे और उनके सिर में चोटें आई थीं.

-भारत एक्सप्रेस

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