प्रतीकात्मक फोटो
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को सूचित किया है कि हरियाणा से आने वाला और यमुना नदी में मिलने वाला अत्यधिक प्रदूषित नाला बुराड़ी में सैकड़ों मछलियों की मौत के लिए जिम्मेदार है. इस बाबत उसने 29 अगस्त को निरीक्षण कर नमूने एकत्र किए थे. उसने यह बात एक रिपोर्ट सौंपकर कहा है.
इससे पहले एनजीटी ने एक मीडिया खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए डीपीसीसी से घटनास्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा था. खबर में कहा गया था कि इस साल जुलाई में यमुना नदी में सैकड़ों मछलियां मरी हुई पाई गई थी, जिसके कारण बुराड़ी क्षेत्र के रिहायशी इलाकों में बदबू फैल गई थी.
DPCC की रिपोर्ट
डीपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हरियाणा से एक नाले (जिसे ड्रेन नंबर 8 कहा जाता है) का पानी आता है जो उस स्थान के पास यमुना में मिलता है. वहां के तीन स्थानों से एकत्र किए गए थे. नाले के नदी में मिलने से पहले का नमूना, नाले से मिलने से पहले का यमुना के पानी का नमूना तथा नाले से मिलने के बाद का नदी के पानी का नमूना लिया गया और जांच की गई थी. जांच के बाद नाले का पानी अत्यधिक प्रदूषित था और जब यह नदी में मिला, तो इसने नदी के पानी की गुणवत्ता को खराब कर दिया. यह विशेष रूप से मानसून से पहले हुआ, जिसके कारण मछलियों की मौत हो गई थी.
नाला नंबर 8 में प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरूरत
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (HSPCB) और हरियाणा सरकार को इस नाले नंबर 8 में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत है जिससे उपयरुक्त खंड में मछलियों की मौत की ऐसी घटना भविष्य में न हो. डीपीसीसी ने नाले में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए एचएसपीसीबी और राज्य के शहरी विकास प्राधिकरण को एक पत्र भेजा है.
-भारत एक्सप्रेस