हॉस्पिटल में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पत्रकार राघवेंद्र प्रताप सिंह के साथ.
Lucknow: यूपी के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अपने कर्तव्यों के प्रति बहुत सजग-सतर्क रहते हैं, इसकी एक बानगी आज तब दिखी जब एक पत्रकार की जिंदगी हार्ट अटैक के कारण खतरे में पड़ गई थी. स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने तत्काल उस पत्रकार को पीजीआई में एडमिट करवाया.
जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र प्रताप सिंह रघु लखनऊ स्थित के डी सिंह बाबू स्टेडियम में क्रिकेट मैच खेलने गए थे. केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मान्यता प्राप्त पत्रकार एकादश और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एकादश के बीच में सेमीफाइनल का मैच खेला जा रहा था. तभी फील्डिंग के दौरान मीडिया क्रिकेट टीम के कप्तान राघवेन्द्र प्रताप सिंह को हार्ट अटैक आया.
पत्रकार राघवेन्द्र प्रताप को आया था हार्ट अटैक
राघवेंद्र प्रताप के ड्राइवर उन्हें सिविल हॉस्पिटल ले गए. इसका पता उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को चला तो वे फौरन सिविल हॉस्पिटल पहुंच गए और उन्होंने डॉक्टर से बात की. डॉक्टर ने बताया कि राघवेन्द्र प्रताप को मेजर अटैक पड़ा है, जिसमें जान जाने का खतरा है. यह सुनते ही बृजेश पाठक ने पीजीआई में बात की. उसके बाद राघवेन्द्र प्रताप को एंबुलेंस में शिफ्ट कराकर बृजेश पाठक अपने काफिले के साथ पीछे-पीछे निकले. इस दौरान न्यूज चैनल रिपब्लिक भारत के कई पत्रकार भी साथ हो लिए.
उपमुख्यमंत्री बृजेश ने ऐसे की मरीज की मदद
बताया जाता है कि बृजेश पाठक ने रास्ते में ही मरीज राघवेन्द्र प्रताप की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित सारी बात की. पीजीआई में संबंधित डॉक्टर मरीज का इंतजार कर रहे थे. उनके पहुंचने पर मरीज को पीजीआई में एडमिट किया गया. डॉक्टरों से पता चला कि तुरंत ऑपरेशन होगा और स्टंट डाला जाएगा. फिर तत्काल औपचारिकता पूरी करके ऑपरेशन थिएटर में मरीज को भेज दिया गया. 50 मिनट तक ऑपरेशन के दौरान एक स्टंट डाला गया.
हॉस्पिटल में ₹55000 फीस जमा की
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने ₹55000 तुरंत जमा जमा किए और उन्होंने कहा कि जो आवश्यकता पड़ेगी, उसको भी देंगे. वहां जिस तरह की तत्परता उपमुख्यमंत्री ने दिखाई और लगभग तीन से चार घंटे पत्रकारों के साथ रहे, ऐसा देखकर पत्रकार भी दंग रह गए. उपमुख्यमंत्री की सक्रियता से, उनके समय देने से, तत्काल ऑपरेशन होने के कारण मीडिया क्रिकेट टीम के कप्तान राघवेंद्र प्रताप सिंह की जान बच गई. अब वह खतरे से बाहर हैं. और, एक-दो दिन में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो जाएंगे.
— भारत एक्सप्रेस
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