प्रज्जवल रेवन्ना (फाइल फोटो)
कर्नाटक के चर्चित सेक्स स्कैंडल (Karnataka Sex Scandal) में फंसे जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्ज्वल रेवन्ना (Prajawal Revanna) को राहत देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वे काफी प्रभावशाली है. जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है.
हाईकोर्ट के आदेश में दखल नहीं दे सकते
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela Trivedi) और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के 21 अक्टूबर के आदेश में दखल नहीं दिया जा सकता. प्रज्वल रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि छह महीने बाद वह कोर्ट पहुचें है, इसलिए उन्हें छूट दी जानी चाहिए. जिसपर कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दिया कि इसपर वे कुछ नहीं कह सकते.
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मुकुल रोहतगी ने यह भी दलील दी कि चार्जशीट के मुताबिक शुरुआती शिकायत में आईपीसी की धारा 376 नहीं लगाई गई थी. लेकिन कोर्ट ने इस दलील को भी खारिज कर दिया. इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना की दो जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी.
महिलाओं से यौन शोषण का आरोप
पूर्व सांसद प्रज्ज्वल पर कई महिलाओं से यौन शोषण का आरोप है. प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न के तीन मामले दर्ज है. इसके अलावे कई महिलाओं से दुष्कर्म का भी आरोप है. प्रज्वल रेवन्ना पर लगे आरोपों की वजह से जेडीएस (JDS) ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. अगस्त में एसआईटी ने प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 2144 पेज का चार्जशीट दाखिल किया था. दाखिल चार्जशीट में घर में काम करने वाली महिला के यौन शोषण की बात कही गई है. इसके अलावे दो और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज होने की बात कही गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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