सांकेतिक तस्वीर.
केंद्र सरकार ने शनिवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 5.2 प्रतिशत बढ़कर 73 अरब डॉलर पर पहुंच गया. आसियान, एक समूह के रूप में, भारत के प्रमुख व्यापार भागीदारों में से एक है, जिसकी भारत के वैश्विक व्यापार में लगभग 11 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 121 अरब डॉलर था.
बैठक में सभी देश शामिल हुए
आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए) की समीक्षा पर चर्चा के लिए छठी आसियान-भारत संयुक्त समिति और संबंधित बैठकें 15-22 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित की गईं. बैठक में सभी 10 आसियान देशों, इंडोनेशिया, वियतनाम, लाओस, ब्रुनेई, थाईलैंड, म्यांमार, फिलीपींस, कंबोडिया, सिंगापुर और मलेशिया, के लीडर्स और प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
आसियान प्रतिनिधियों की नई दिल्ली यात्रा और उनकी उपस्थिति का उपयोग द्विपक्षीय व्यापार मुद्दों पर चर्चा के लिए थाईलैंड और इंडोनेशियाई टीमों के साथ द्विपक्षीय बैठकें आयोजित कर किया गया. भारत और आसियान के मुख्य वार्ताकारों ने चर्चा के तहत मुद्दों और आगे के रास्ते पर आपसी समझ विकसित करने के लिए एक अलग बैठक भी की.
2025 में इंडोनेशिया के जकार्ता में होगी बैठक
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “एआईटीआईजीए की समीक्षा आसियान क्षेत्र के साथ व्यापार को स्थायी तरीके से बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे होगी. एआईटीआईजीए संयुक्त समिति की अगली बैठक फरवरी 2025 में इंडोनेशिया के जकार्ता में निर्धारित है.”
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बाजार पहुंच, उत्पत्ति के नियम, एसपीएस उपाय, मानक और तकनीकी विनियमन, सीमा शुल्क प्रक्रिया, आर्थिक और तकनीकी सहयोग, व्यापार उपाय और कानूनी और संस्थागत प्रावधानों से संबंधित पहलुओं पर बातचीत करने के लिए एआईटीआईजीए संयुक्त समिति के तहत आठ उप-समितियां हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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