(प्रतीकात्मक तस्वीर: IANS)
बेंगलुरु के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ महिला व्यापारी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि उन्होंने सबके सामने उन्हें निर्वस्त्र कर अपमानित किया और 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी.
33 वर्षीय महिला कारोबारी एस. जीवा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप बेंगलुरु पुलिस उपाधीक्षक (DSP) कनकलक्ष्मी पर लगा है. मामले की जांच जारी है.
एस. जीवा अपने घर पर मृत पाई गई थीं. उन्होंने 11 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के अधिकारी पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया गया है.
इस मामले में थीं आरोपी
एस. जीवा बेंगलुरु में लकड़ी की दुकान चलाती थीं और वकील भी थीं. पिछले शुक्रवार (22 नवंबर) को उन्होंने आत्महत्या कर ली थी. जीवा की बहन एस. संगीता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें DSP कनकलक्ष्मी को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.
एस. जीवा कर्नाटक भोवी विकास निगम घोटाले में आरोपियों में से एक थी, जिसमें नौकरी योजना के तहत भोवी समुदाय के सदस्यों को ऋण देने के लिए निर्धारित धन का दुरुपयोग शामिल था. मामले की जांच सीआईडी को सौंपी गई थी.
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीआईडी को 14 नवंबर से 23 नवंबर के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये एस. जीवा से पूछताछ करने की अनुमति दी थी, लेकिन सीआईडी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया.
अपमानित किया गया
14 नवंबर को एस जीवा सीआईडी कार्यालय में पेश हुईं, जहां उन्हें परेशान किया गया. कपड़े उतारे गए और उनसे पूछा गया कि क्या वह साइनाइड लेकर जा रही हैं. उनके नोट के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी और जीवा द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. कथित तौर पर अगले कुछ दिनों तक उत्पीड़न जारी रहा. एफआईआर के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने एस. जीवा से उनकी दुकान पर मुलाकात की और उनके कर्मचारियों के सामने उन्हें अपमानित किया.
-भारत एक्सप्रेस
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