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टेरर फंडिंग मामला: MP राशिद इंजीनियर ने संसद सत्र में शामिल होने के लिए दायर की जमानत याचिका, कोर्ट ने NIA से मांगा जवाब

बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर ने एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट ने में अंतरिम जमानत याचिका दायर की है. उन्होंने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत की गुहार लगाई लगाई है.

Baramula MP Rashid Engineer

सांसद राशिद इजीनियर.

टेरर फंडिंग मामले में कथित आरोपी और बारामुला से सांसद राशिद इंजीनियर ने एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट ने में अंतरिम जमानत याचिका दायर की है. जिसकी याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने एनआईए को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 27 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. राशिद इंजीनियर ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत की गुहार लगाई लगाई है. इससे पहले राशिद इंजीनियर को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिल चुकी है. लेकिन आगे की अंतरिम जमानत की अवधि को कोर्ट ने बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद राशिद इंजीनियर ने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था.

लोकसभा चुनाव में दर्ज की थी शानदार जीत

राशिद इंजीनियर की ओर से दायर नियमित जमानत याचिका लंबित है. राशिद इंजीनियर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था. राशिद इंजीनियर शेख अब्दुल रशीद के नाम से भी जाना जाता है. वह 2017 के आतंकवादी वित्तपोषण (आतंकी फंडिंग) मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से रशीद 2019 से जेल में बंद है.

बता दें कि कश्मीरी कारोबारी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान पूर्व विधायक शेख अब्दुल राशिद का नाम सामने आया था. एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को फंड देने के आरोप में वटाली को गिरफ्तार किया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 मार्च 2022 को हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह और मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब बट्ट उर्फ पीर सैफुल्ला के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था.


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एनआईए में मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए- मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया. 1993 में अलगाववादी गतिविधियों अंजाम देने के लिए ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस की स्थापना की गई.

-भारत एक्सप्रेस



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