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अर्थव्यवस्था का 55% हिस्सा सकारात्मक रूप से बढ़ रहा, कृषि में सुधार के संकेत, अच्छी संभावनाओं की जताई गई उम्मीद: रिपोर्ट

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उद्योगों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों का ऋण तेजी से बढ़ रहा है और मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने ऋण तक पहुंच को बढ़ाया है.

GDP

(सांकेतिक तस्वीर).

एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च (HSBC Global Research) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का 55 प्रतिशत हिस्सा सकारात्मक रूप से बढ़ रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शेयर बाजार में तेजी और प्रभावशाली जीडीपी (GDP) वृद्धि के दौर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक मध्यम चरण (Moderate Phase) में पहुंचती दिख रही है.

अर्थव्यवस्था का एक हिस्सा सकारात्मक रूप से बढ़ रहा

रिपोर्ट में वृद्धि के 100 संकेतकों का विश्लेषण किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अधिकांश संकेतक, एक तिमाही पहले के 65 प्रतिशत से गिरावट दर्शाते हैं, जो बाजार ठंडा होने का संकेत देता है. रिपोर्ट के अनुसार कुछ क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जहां लंबे समय के लिए अच्छे संभावनाओं की उम्मीद हैं.

हालांकि, मंदी का संकेत देते हुए इसमें कहा गया है, “अर्थव्यवस्था का एक छोटा हिस्सा एक तिमाही पहले की तुलना में सकारात्मक रूप से बढ़ रहा है (55 प्रतिशत बनाम 65 प्रतिशत), अधिकांश संकेतक अभी भी सकारात्मक हैं और  निवेश गतिविधि, विशेष रूप से निर्माण और सार्वजनिक क्षेत्र के नेतृत्व वाली, स्थिर है. उपभोग से संबंधित धीमी हो रही है.”

कृषि में सुधार के संकेत मिले

कुछ क्षेत्रों में वृद्धि को मान्यता देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि GDP में 15 प्रतिशत योगदान देने वाली कृषि में सुधार के संकेत मिले हैं, जिसके 60 प्रतिशत संकेतक सकारात्मक रुझान प्रदर्शित कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मानसून के मौसम में लगातार बारिश और लू के कारण वर्ष की शुरुआत में उत्पादन बाधित हुआ, लेकिन सामान्य तापमान और अच्छी तरह से भरे जलाशयों की वापसी ने संभावनाओं को मजबूत किया है.

अप्रत्याशित झटकों को छोड़कर कृषि क्षेत्र आने वाले महीनों में और वृद्धि के संकेत दे रहा है. विश्लेषण के साथ आगे बढ़ते हुए, इसमें कहा गया है कि सरकार का चालू और पूंजीगत व्यय खर्च बढ़ रहा है, जिससे निवेश को बढ़ावा मिल रहा है.

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उद्योगों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों का ऋण तेजी से बढ़ रहा है और मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे ने ऋण तक पहुंच को बढ़ाया है. रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के जारी रहने से निर्माण गतिविधियों में मजबूती आई है, हालांकि गति थोड़ी धीमी हो गई है.

-भारत एक्सप्रेस



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