झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड में दस बच्चों की मृत्यु के मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बड़ी कार्यवाही की है. डिप्टी सीएम के निर्देश पर गठित चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य को हटा दिया है. साथ ही कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आरोप पत्र एवं तीन अन्य को निलंबित किया गया है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने बताया कि झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई ह्रदय विदायक घटना को लेकर सरकार बेहद संवेदनशील है. पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई गई है.
डिप्टी सीएम ने क्या कहा
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस संबंध में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था. जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर को पद से हटा दिया गया है. उन्हें चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशालय से संबद्ध किया गया है. साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहुर को आरोप पत्र दिया गया है. वहीं, कॉलेज के अवर अभियन्ता (विद्युत) संजीत कुमार, एनआईसीयू वार्ड की नर्सिंग सिस्टर इंचार्ज संध्या राय एवं मेडिकल कॉलेज की प्रमुख अधीक्षक डॉ. सुनीता राठौर को तत्काल निलम्बित करते हुए आरोप पत्र दिया गया.
कमिश्नरी जांच के निर्देश
कॉलेज में बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर चौरसिया, सर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. कुलदीप चंदेल व विद्युत प्रभारी अधिकारी को आरोप पत्र देकर उनकी भूमिका की जांच के लिए मण्डलायुक्त झांसी को जांच अधिकारी बनाया गया.
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क्या है पूरा मामला
15 नवम्बर को झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वार्ड में आग लगने से दस बच्चों की मृत्यु हो गई थी. हादसे के तुरंत बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे थे और पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी थी. साथ ही दोषियों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया था. डिप्टी सीएम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को महानिदेशक की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे. कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद समीक्षा कर घटना में दोषियों के खिलाफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा कार्रवाई की गई है.
-भारत एक्सप्रेस
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