Bharat Express

संभल जिले में प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई, मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी हिंसक झड़प

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते 24 नवंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं.

संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसक झड़प के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. (फोटो: IANS)

संभाल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने शनिवार (30 नवंबर, 2024) को 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने एक बयान में कहा, ‘कोई भी बाहरी व्यक्ति, कोई भी सामाजिक संगठन या कोई भी जनप्रतिनिधि 10 दिसंबर तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता है.’

यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उस दिन उठाया गया जब समाजवादी पार्टी (सपा) का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शाही जामा मस्जिद परिसर में एक सर्वेक्षण के बाद भड़की हिंसा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए संभल का दौरा करने वाला था.

सपा के प्रतिनिधिमंडल को रोका गया

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय, जिन्हें 15 सदस्यीय सपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना था, ने लखनऊ में अपने आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा कि गृह सचिव संजय प्रसाद ने उन्हें फोन करके संभल न जाने का अनुरोध किया था.

पांडेय ने कहा, ‘संभल के डीएम ने भी मुझे फोन करके बताया कि बाहरी लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है, इसलिए अब मैं पार्टी कार्यालय जाऊंगा और अगली कार्रवाई पर निर्णय लेने से पहले इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा.’

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, समाजवादी पार्टी के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के संभल दौरे से पहले लखनऊ में विधायक माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है. इस बीच सपा अध्यक्ष और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पोस्ट पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.

अखिलेश ने साधा निशाना

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता.’

उन्होंने कहा, ‘भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए. भाजपा हार चुकी है.’

संभल में क्या हुआ

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर बीते रविवार (24 नवंबर) को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ. इस दौरान कम से कम 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बवाल के बाद कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई हैं.

संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान भड़की हिंसा के एक दिन बाद सोमवार (25 नवंबर) को संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे नवाब सुहैल इकबाल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक (SP) कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि इस सिलसिले में 2,500 लोगों के खिलाफ कुल 7 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read