प्रतीकात्मक फोटो
‘द यूरोपीयन हाउस अंब्रोसेती’ (TEHA) समूह के वरिष्ठ भागीदार लोरेंजो तवाजी (Lorenzo Tavazzi) ने हाल ही में जानकारी दी कि इटली की कंपनियों ने भारत में 6.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के महत्व को दिखाता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में विकास के काफी अवसर हैं.
मुंबई में शुक्रवार को विलागियो इटालिया प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद एक पैनल डिस्कशन में तवाजी ने कहा कि इटली अपनी सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी (Sustainable Technology) और हाई-स्पीड रेल की विशेषज्ञता के साथ एनर्जी ट्रांजिशन और ट्रांसपोर्ट (Energy Transition and Transport) को लेकर भारत की मदद कर सकता है.
मसालों के इस्तेमाल पर फोकस
मुंबई बेस्ड मैनेजमेंट एजुकेशन संस्थान एसडीए बोकोनी एशिया सेंटर के एलेसेंड्रो गिउलियानी ने कहा कि भोजन के मामले में इटली और भारत मसालों के इस्तेमाल पर फोकस करते हैं. अगर भारतीय छात्र इटली में उच्च शिक्षा के लिए जाते हैं तो उन्हें अपने घर जैसा ही महसूस होना चाहिए. एजुकेशन पर केंद्रित कंपनी पिछले 10 वर्षों से भारतीय छात्रों को ट्रेनिंग दे रही है और इटली की कंपनियां उन्हें चुन रही हैं.
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए शैक्षिक संबंध बहुत महत्वपूर्ण हैं. भारत को कठिन कौशलों में मजबूती प्राप्त है, लेकिन देश को सॉफ्ट स्किल्स में और अधिक विकास की आवश्यकता है. इसके अलावा, भारत में भविष्य में दोबारा निवेश करने को लेकर दिग्गज वैश्विक निवेशक जिम रोजर्स भी इच्छा जता चुके हैं. हाल ही में आईएएनएस से बातचीत के दौरान जिम रोजर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की सराहना की. उन्होंने कहा कि कई दशकों बाद भारत सही आर्थिक फैसले ले रहा है.
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रोजर्स ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार में काफी बड़े बदलाव आए हैं. भारत 2047 तक विकसित बनने की तरफ तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस कारण वह दोबारा यहां निवेश करना पसंद करेंगे.
-भारत एक्सप्रेस
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