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महाराष्ट्र: परभणी में हिंसक विरोध प्रदर्शन, संविधान की प्रतिकृति क्षतिग्रस्त करने पर मचा बवाल

बीते 10 दिसंबर को एक अज्ञात व्यक्ति ने परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के पास रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद आगजनी और पथराव हुआ था.

महाराष्ट्र के परभणी शहर में बुधवार (11 दिसंबर) को भारतीय संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाने के विरोध में दूसरे दिन भी हिंसक प्रदर्शन हुए. मंगलवार को एक अज्ञात व्यक्ति ने परभणी रेलवे स्टेशन के बाहर बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के पास रखी संविधान की प्रतिकृति को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद आगजनी और पथराव हुआ था. संविधान की प्रतिकृति को नुकसान पहुंचाए जाने की खबर फैलने के बाद लगभग 200 लोगों की भीड़ प्रतिमा के पास जमा हो गई और नारे लगाए गए.

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार शाम को परभणी स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया था और नंदीग्राम एक्सप्रेस के लोको-पायलट के साथ मारपीट की थी. पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, लेकिन बुधवार सुबह विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू हो गया.

कलेक्टर ऑफिस में तोड़फोड़


प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में आगजनी की है और उन्होंने जगह-जगह पत्थर भी फेंके. पुलिस ने स्थिति को कंट्रोल करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, परभणी में बेकाबू भीड़ कलेक्टर के ऑफिस में घुस गई और तोड़फोड़ की गई है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

कलेक्टर ने क्या कहा


इस बीच परभणी के कलेक्टर रघुनाथ गावडे ने कहा कि कल (मंगलवार) को जो घटना हुई थी, उसके बाद मैं खुद घटनास्थल पर गया था. आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया था. बुधवार सुबह से कई संगठन ने निवेदन किया है कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है तो उसकी भी गिरफ्तारी होनी चाहिए. आज कुछ जगहों पर तोड़फोड़, आगजनी और पथराव हुआ है. हम स्थिति नियंत्रण में कर रहे हैं.

कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक यशवंत काले ने बताया, ‘बुधवार दोपहर करीब एक बजे एक दुकान के बाहर पाइपों में आग लगा दी गई. जब भीड़ हिंसक हो गई तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और उन्हें तितर-बितर किया.’ उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे कि पुलिस को पता .लगाना चाहिए कि मंगलवार की तोड़फोड़ की घटना के पीछे कौन था.

सांसद ने कहा- दुखद घटना


इस बीच, एनसीपी-एसपी सांसद फौजिया तहसीन खान ने कहा, ‘परभणी मेरा गृहनगर है और मुझे दुख है कि वहां ऐसी घटना हुई है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे शांति बनाए रखें और ऐसे मामलों का शिकार न बनें. इससे पहले हिंदू महासभा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन में शामिल किसी व्यक्ति ने डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की मूर्ति के सामने संविधान के शीशे पर पत्थर फेंका, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. भारत में संविधान के प्रति अनादर कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता.’

अंबेडकर के अनुयायी नाराज

बता दें कि परभणी शहर में कलेक्टर कार्यालय के सामने बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति है. इस प्रतिमा के सामने संविधान और संविधान की प्रति रखी हुई है. मंगलवार शाम को किसी व्यक्ति ने संविधान की प्रति को तोड़ दिया. इससे अंबेडकर के अनुयायी नाराज हो गए. इसके बाद परभणी में देर रात तक आंदोलन शुरू हो गया. इसके तहत बुधवार को परभणी में बंद का ऐलान किया गया था, अब वहां हिंसा ने आक्रामक रूप ले लिया है.

कलेक्टर कार्यालय के सामने आंबेडकर के अनुयायी मूर्ति क्षेत्र में एकत्र हुए और सड़क रोको और रेल रोको भी प्रदर्शन किया. एहतियात के तौर पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. साथ ही BNSS की धारा 163 लागू कर दी गई है.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस



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