सुप्रीम कोर्ट.
गोवा कांग्रेस के आठ विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने यह आदेश दिया है. हाल ही में गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावडकर ने 2022 में सत्तारूढ बीजेपी में शामिल हुए कांग्रेस के आठ बागी विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता से संबंधित याचिका को खारिज कर दिया था.
कोर्ट ने खारिज की याचिका
गोवा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख गिरीश चोडानकर ने विधायक दिगंबर कामत, एलेक्सो सेक्वेरा, संकल्प अमोनकर, माइकल लोबो, डेलीलाह लोबो, केदार नाइक, रुडोल्फ फर्नाडीस और राजेश फलदेसाई के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी. विधानसभा अध्यक्ष ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि किसी पार्टी के दो-तिहाई विधायक अगर पार्टी से असहमत होते हैं, तो उन्हें अयोग्य माना जा सकता है.
गोवा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख गिरीश चोडानकर ने याचिका में मांग की थी कि विधानसभा अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद 191 के साथ दसवीं अनुसूची के पैरा दो के तहत आठ विधायकों को इस आधार पर अयोग्य घोषित करें क्योंकि उन्होंने मूल पार्टी (कांग्रेस) की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ दी थी. इन विधायकों ने कांग्रेस के टिकट पर गोवा विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. इस मामले में मूल राजनीतिक दल का कोई वैध विलय नहीं है.
गोवा चुनाव में 20 सीटों पर बीजेपी की जीत
बता दें कि गोवा विधानसभा के चुनाव 14 फरवरी 2022 को हुए थे और नतीजा 10 मार्च को घोषित किए गए थे. भाजपा ने 40 में से 20 सीट पर जीत हासिल की. जबकि कांग्रेस ने 11 सीटे हासिल की. याचिका में कहा गया था कि सभी आठ विधायक कांग्रेस के टिकट पर चुने गए थे. मुंबई हाई कोर्ट की गोवा पीठ ने 24 फरवरी 2022 को स्पीकर के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता गिरीश चोडानकर और एमजीपी के विधायक द्वारा दायर दो याचिकाओं को खारिज कर दिया था. जहां कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे.
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-भारत एक्सप्रेस
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