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दिल्ली हाईकोर्ट ने होटल एवं रेस्तरां में भोजन बिल पर सेवा शुल्क वसूलने पर रोक लगाने की मांग पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने 4 जुलाई, 2022 को अपने आप सेवा शुल्क वसूलने पर रोक लगाने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किया था. उसे होटल व रेस्तरां वालों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने 20 जुलाई, 2022 को सुनवाई करते हुए सीसीपीए के दिशा-निर्देश पर रोक लगा दिया था.
सीसीपीए के दिशा-निर्देशों को चुनौती देते हुएफेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) व अन्य ने चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति प्रतिबा मनिंदर सिंह ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उस मुद्दे पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एफएचआरएआई और नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने वर्ष 2022 में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की है.
प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं
FHRAI के वकील ने कहा था कि सीसीपीए के पास होटल वालों का पक्ष सुने बिना इस तरह का प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा था कि दिशा-निर्देश सिर्फ सलाह के लिए जारी किया जा सकता है. शुल्क वसूलने से रोका नहीं जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा था कि सेवा शुल्क ग्राहकों पर रेस्तरां कर्मचारियों के लाभ के लिए लगाया जाता है.
CCPA ने याचिकाओं को खारिज करने की मांग
यह मालिकों के किसी भी व्यवसाय, व्यापार या व्यवसाय को करने के मौलिक अधिकार के अनुरूप है. केंद्र सरकार के वकील ने कहा था ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह बताता हो कि शुल्क की राशि से कर्मचारियों को लाभ पहुंचाया जा रहा हो. सीसीपीए ने याचिकाओं को खारिज करने की मांग करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. लोगों के मेहनत की कमाई को गलत तरीके से सेवा शुल्क के नात पर मनमाने ढंग से वसूला जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस
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