प्रतीकात्मक फोटो.(Pixabay)
केंद्र सरकार ने सोमवार को ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ को खत्म कर दिया है. इस फैसले के तहत अब कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा.
स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले की जानकारी दी है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि आज हमने यह निर्णय लिया है कि पांचवीं और आठवीं में प्रयास करने के बाद भी डिटेंशन की जरूरत पड़े तो उसी के बाद डिटेन किया जाए. इसमें यह भी प्रावधान किया है आठवीं कक्षा तक के स्कूलों से बच्चों को निष्कासित नहीं किया जाए.
संजय कुमार ने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि हर एक बच्चे के अंदर सीखने की इच्छा बढ़े और इसको प्रयास में लाने के लिए उन बच्चों पर ध्यान दिया जाएगा, जो पढ़ाई में किसी कारणवश अच्छे नहीं है. इसलिए उन पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा. रूल में बदलाव आने के बाद यह संभव हो पाएगा और बच्चों में सीखने की लगन बढ़ेगी.”
फेल छात्रों को मिलेगा एक अवसर
‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ खत्म होने के बाद कक्षा 5 और 8 की वार्षिक परीक्षा में असफल छात्रों को फेल किया जाएगा. फेल छात्रों को दो महीने के भीतर पुन: परीक्षा का अवसर मिलेगा और इसमें भी फेल होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा. किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला जाएगा.
फैसले की मुख्य वजह
शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि यह फैसला बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए लिया गया है. उनका मानना है कि बच्चों की सीखने की क्षमता कम होने से बचाने के लिए यह कदम जरूरी है. मंत्रालय ने खास तौर पर कक्षा 5 और 8 पर ध्यान दिया है, क्योंकि ये कक्षाएँ बुनियादी शिक्षा के लिए बहुत अहम होती हैं. इस नई नीति का मकसद बच्चों और शिक्षकों को पढ़ाई के प्रति ज्यादा जिम्मेदार बनाना है.
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(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)
-भारत एक्सप्रेस
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