आकाश आनंद, नेशनल कोऑर्डिनेटर, बसपा
बाबा साहब भीमराम आंबेडकर पर मचे सियासी घमासान के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने राहुल और प्रियंका गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने हालिया प्रदर्शनों और बयानों का जिक्र करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है.
आकाश आनंद ने क्या कहा?
बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने एक्स पर लिखा, “करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं. लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आज कल एक फैशन हो गया है. पहले देश के गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में उनका अपमान किया, फिर राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने हमारी नीली क्रांति को फैशन शो बनाया और उसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बाबा साहेब की छवि के साथ छेड़छाड़ की. देश के दलित, शोषित, वंचित उपेक्षितों के आत्म-सम्मान के लिए बीएसपी का मिशन जारी रहेगा. गृहमंत्री अमित शाह को पश्चाताप करना ही पड़ेगा.”
करोड़ों शोषितों, वंचितों और गरीबों के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जी भगवान ही हैं।
लेकिन वोटों के लिए उनके नाम का इस्तेमाल करना आज कल एक फैशन हो गया है।
पहले देश के गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने संसद में उनका अपमान किया, फिर श्री राहुल गांधी जी व प्रियंका गांधी जी ने…
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) December 24, 2024
विरोध प्रदर्शन कर रही कांग्रेस
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस आज (24 दिसंबर) पूरे देश में प्रदर्शन कर रही है.
कैसे हुई विवाद की शुरुआत?
गौरतलब है कि इस विवाद की शुरुआत 17 दिसंबर को उस समय हुई थी, जब राज्यसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने अपने भाषण में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा था कि “अभी एक फैशन हो गया है…आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता.
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गृहमंत्री ने इस दौरान आगे कहा, हमें खुशी है कि आंडेबकर का नाम लेते हैं. अभी आंबेडकर का 100 बार नाम लो, लेकिन आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के मन में क्या है, ये मैं आपको बताता हूं. आखिर बाबा साहब ने देश की पहली कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया था? उन्होंने कई बार इस बात को कहा कि अनुसूचित जातियों और जनजातियों के साथ होने वाले व्यवहार से असंतुष्ट हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने विदेश नीति पर भी असहमति व्यक्त की थी, अनुच्छेद 370 के खिलाफ थे. उनसे जो वादा किया गया, जिसे पूरा नहीं किया गया, इसलिए अंत में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.”
-भारत एक्सप्रेस
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