JEE Advanced 2025
JEE Advanced 2025: जेईई-एडवांस्ड के लिए प्रयासों की संख्या को तीन से घटाकर दो करने के संयुक्त प्रवेश बोर्ड के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने जेईई एडवांस्ड के लिए प्रयासों को तीन से घटाकर दो करने के फैसले में दखल देने से फिलहाल इनकार कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने उन छात्रों को परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दे दी है, जिन्होंने 5 नवंबर 2024 और 18 नवंबर 2024 के बीच अपना पाठ्यक्रम छोड़ दिया था. जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है.
दायर याचिका में लगाए गए गंभीर आरोप
यह याचिका अधिवक्ता संजीत कुमार त्रिवेदी के माध्यम से दाखिल की गई है. इसमें आरोप लगाया गया है कि जेईई-एडवांस्ड परीक्षा आयोजित करने वाली जॉइंट एडमिशन बोर्ड ने छात्रों के लिए पात्रता मानदंड को मनमाने तरीके से बदला है. दायर याचिका में कहा गया है कि जेएबी ने 5 नवंबर 2024 की अपनी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से पहले जेईई एडवांस्ड के लिए प्रयासों की संख्यां तीन निर्धारित की, लेकिन 18 नवंबर 2024 की एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इसे अचानक बदल दिया और इस तरह के प्रयासों की संख्या घटाकर दो कर दी.
अचानक बदलाव से हजारों छात्र प्रभावित
याचिका दायर करने वाले छात्रों का कहना है कि बोर्ड ने अचानक जेईई एडवांस्ड को लेकर किए गए बदलाव से हजारों छात्र प्रभावित हुए है. याचिका में दलील दी गई है कि यह फैसला प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है. इसके अलावा इसे छात्रों की वैध अपेक्षाओं और वादों के उल्लंघन के रूप में बताया गया है.
प्रयासों की संख्या में कमी को दी चुनौती
बता दें कि पिछले महीने 22 छात्रों ने प्रयासों की संख्या में कमी को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उन्होंने 2023 में अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी और वे पहले से ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकित थे, लेकिन जब उपलब्ध प्रयासों की संख्या दो से तीन हो गई, तो उन्होंने जेईई एडवांस्ड 2025 की तैयारी शुरू कर दी.
-भारत एक्सप्रेस
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