पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से 16 पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों और कर्मचारियों का अपहरण कर लिया है. बताया जा रहा है कि ये वैज्ञानिक अफगानिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में काम कर रहे थे. पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने आठ लोगों को छुड़ा लिया है और यह भी दावा किया कि वे कोई परमाणु वैज्ञानिक नहीं बल्कि आम कर्मचारी थे. लेकिन टीटीपी का दावा है कि वे परमाणु ऊर्जा आयोग के वैज्ञानिक हैं.
आतंकियों ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने बड़ी मात्रा में यूरेनियम लूट लिया है. यह दावा बेहद खतरनाक है क्योंकि डर्टी बम बनाने के लिए यूरेनियम का इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर यह सामग्री आतंकियों के हाथ में चली गई, तो यह न केवल पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है.
क्या होता है डर्टी बम?
डर्टी बम (Dirty Bomb) एक पारंपरिक विस्फोटक उपकरण है जिसमें रेडियोधर्मी पदार्थ मिलाया जाता है. इसे रेडियोलॉजिकल डिस्पर्सल डिवाइस (RDD) भी कहते हैं. इसका मुख्य उद्देश्य विस्फोट के जरिए रेडियोधर्मी पदार्थ को एक बड़े क्षेत्र में फैलाना है. इसका मकसद अधिक से अधिक लोगों में डर और दहशत फैलाना है, न कि बड़े पैमाने पर विनाश करना. यह परमाणु बम से अलग है क्योंकि इसमें परमाणु प्रतिक्रिया नहीं होती, सिर्फ रेडियोधर्मी प्रदूषण फैलता है.
BREAKING NEWS:
TTP captures 18 engineers from Pakistan’s Atomic Energy Commission in Dera Ismail Khan.
A shocking video shows the engineers pleading for rescue, exposing Pakistan’s worsening security and the military’s inability to protect critical assets amidst escalating… pic.twitter.com/9s61E0PB8W
— Kabul Frontline (@KabulFrontline) January 9, 2025
टीटीपी की मांग
वॉइस ऑफ अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार, टीटीपी के आतंकियों ने बंदूक की नोक पर वैज्ञानिकों को बंधक बनाया. उनकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया और सभी कर्मचारियों को अपने साथ ले गए. एक कर्मचारी को गंभीर हालत में रिहा किया गया है. टीटीपी ने वीडियो जारी कर सेना से उनकी मांगें मानने को कहा है.
टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना से अपनी सैन्य कार्रवाई रोकने की मांग की है. इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान में हवाई हमले करके टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाया था. जवाबी कार्रवाई में टीटीपी ने कई पाकिस्तानी सैनिकों को मारने का दावा किया है.
क्या आतंकियों के हाथ लग जाएगा परमाणु बम?
पाकिस्तान के पास इस समय करीब 170 परमाणु बम हैं, और वह इसे 200 तक पहुंचाने की योजना बना रहा है. परमाणु ऊर्जा आयोग के ये वैज्ञानिक काबुल खेल अटामिक एनर्जी साइट पर काम कर रहे थे, जहां पाकिस्तान की सबसे बड़ी यूरेनियम खदान है. टीटीपी लंबे समय से पाकिस्तानी परमाणु कार्यक्रम पर नजर गड़ाए हुए है.
विशेषज्ञों का मानना है कि टीटीपी की बढ़ती ताकत और तालिबान सरकार के समर्थन से यह खतरा और बढ़ गया है. अमेरिका का ब्रुकिंग्स संस्थान भी चेतावनी दे चुका है कि अगर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करता, तो यह आतंकियों के हाथों में जा सकते हैं.
अमेरिका और दुनिया की चिंता बढ़ी
इस घटना से अमेरिका समेत पूरी दुनिया चिंतित है. टीटीपी और तालिबान का गठजोड़ पाकिस्तान के लिए एक बड़ा खतरा बन चुका है. अगर यह यूरेनियम डर्टी बम या किसी अन्य विनाशकारी हथियार में बदल गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
पाकिस्तान को अब इस संकट से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे. दुनिया की नजर इस मामले पर टिकी है, और यह देखना होगा कि क्या पाकिस्तान अपनी परमाणु संपत्तियों को सुरक्षित रख पाएगा या यह आतंकियों के हाथों में चली जाएंगी.
-भारत एक्सप्रेस
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