कलकत्ता हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि महिला का बांझपन तलाक का आधार नहीं हो सकता है. साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि बांझपन के कारण मेंटल और फिजिकल हेल्थ संबंधी समस्याओं से जूझ रही पत्नी को छोड़ना ”मानसिक क्रूरता” के दायरे में आएगा. कोर्ट ने पति द्वारा दायर तलाक की याचिका को भी रद्द कर दिया है.