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Budget 2023-24. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट को लेकर समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार को घेरा. सपा के ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि “भाजपा सरकार में आटा, दाल, चावल सब महंगा! गरीब और मध्य वर्ग महंगाई की मार से परेशान है. मोदी जी ने 2014 में कहा था कि वे 100 दिन में महंगाई कम कर देंगे, लेकिन उनके सत्ता संभालते ही महंगाई दिन दूनी रात चौगुनी दर से बढ़ती जा रही. खाने पीने की वस्तुओं के दाम बांधे सरकार.”
वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्विट करते हुए कहा, “भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी. भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है. किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है.”
भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी।
भाजपाई बजट महंगाई व बेरोज़गारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 1, 2023
बुधवार को बजट से पहले ही विपक्षी पार्टी सपा ने मंहगाई को लेकर तंज कसना शुरू कर दिया. बीते सालों में आटा, दाल, चावल, दूध, तेल जैसी रोजाना की खाने-पीने के सामानों के दाम में बढ़ोतरी हुई है. साथ ही पढ़ने-लिखने की सामग्री से लेकर स्कूल की फीस भी आसमान छूने लगी है. ऐसे में गरीब, मजदूर, मध्यमवर्ग पर महंगाई दोगुनी मार झेलनी पड़ रही है. तीज-त्योहार भी अब बस नाम के ही लोग मना पा रहे हैं. लोग न तो ठीक से खा पा रहे हैं और न ही अच्छी पढ़ाई अपने बच्चों को दिला पा रहे हैं.
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टैक्स स्लैब में हुआ बदलाव
2024 चुनावों से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट था. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही थी कि टैक्स स्लैब से लेकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की मुहिम को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से कई ऐलान किए जा सकते हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के लिए नए टैक्स स्लैब की घोषणा की, जिसके तहत नई आयकर व्यवस्था के तहत सालाना 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स देय नहीं होगा.
– भारत एक्सप्रेस
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