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Siddaramaiah: हत्या, हिंसा और भेदभाव का समर्थन करता है हिंदुत्व- कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बयान पर मचा बवाल

Siddaramaiah Controversial Statement: कर्नाटक के पूर्व सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में भाजपा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा हिंदुओं की हत्याएं की गई हैं.

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सिद्धारमैया

Siddaramaiah Controversial Statement: कर्नाटक के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया (Siddaramaiah) अपने विवादित बयान के कारण सुर्खियों में हैं. उन्होंने कहा कि वह हिंदू विरोधी नहीं हैं बल्कि हिंदुत्व विरोधी हैं क्योंकि उनके मुताबिक हिंदुत्व हिंसा, हत्या और भेदभाव को बढ़ावा देता है.

सिद्धारमैया कलाबुरगी में कांग्रेस के पूर्व विधायक बीआर पाटिल की बायोपिक पुस्तक के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंदुत्व और हिंदु धर्म अलग है. सिद्धारमैया ने कहा, “मैं हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हूं.” उन्होंने कहा, “शायद हममें से ज्यादातर लोग हिंदुत्व के खिलाफ हैं. हम हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हिंदुत्व और मनुवाद में हिंसा और भेदभाव की गुंजाइश है.” सिद्धारमैया के इस बयान पर अब कर्नाटक में सियासी घमासान छिड़ा हुआ है.

 कर्नाटक के पूर्व सीएम ने बीजेपी पर साधा निशाना

वहीं उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पर जमकर निशाना साधा. कर्नाटक के पूर्व सीएम ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में भाजपा के कार्यकाल में सबसे ज्यादा हिंदुओं की हत्याएं की गई हैं. उन्होंने कहा, “हमारे कार्यकाल में न केवल हिंदू, बल्कि अल्पसंख्यकों को भी मारा गया. वे सभी अलग-अलग कारणों से मारे गए. कांग्रेस के दौरान हिंदुओं की हत्या आरएसएस और भाजपा के कारण हुई.

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उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि झूठ बोलने वाले व्यक्ति हैं. उनका काम झूठ फैलाना है. वहीं उन्होंने सीटी रवि के बयान कांग्रेस पाकिस्तान से चुनाव लड़कर केवल 150 सीटें जीत सकती है, पर प्रतिक्रिया दी. पूर्व सीएम ने सवाल किया, “क्या कर्नाटक पाकिस्तान में है? या भारत में? चुनाव कर्नाटक में हो रहे हैं या पाकिस्तान में? क्यों फालतू की बातें करते हो?”

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने हिंदुत्व के खिलाफ विवादित बयानबाजी की है. पिछले महीने उन्होंने कहा कि वह हिंदू हैं लेकिन हिंदुत्व के खिलाफ हैं. इस दौरान उन्होंने आगे कहा था कि उन्होंने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर का विरोध नहीं किया बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए इसका इस्तेमाल करने के खिलाफ थे.

-भारत एक्सप्रेस

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