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UP: जातिगत जनगणना पर घमासान, अखिलेश के नए पोस्टर पर योगी के मंत्री बोले, “इसकी मांग वो कर रहे हैं, जिनकी पार्टी जेब से चलती है”

UP News: 24 अगस्त से सपा जातीय जनगणना को लेकर प्रदेश के तमाम जिलों में संगोष्ठी का आयोजन करने जा रही है. ये अभियान 5 मार्च तक चलेगा.

मंत्री दयाशंकर सिंह और सपा का पोस्टर

UP Politics: सपा (समाजवादी पार्टी) एक के बाद एक मुद्दों को उठाकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. पहले रामचरितमानस की चौपाइयों और अब जातिगत जनगणना की मांग को लेकर बड़ा अभियान. गुरुवार को सपा के प्रमुख अखिलेश यादव के नए पोस्टर के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने मोर्चा संभाल लिया है. विधानसभा में भी यह मुद्दा जोर-शोर से उठाने की सपा तैयारी कर रही है. प्रदेश में अभियान तेज करने के लिए 24 फरवरी से संगोष्ठी का आयोजन सपा करने जा रही है. वहीं भाजपा सरकार के राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने सपा पर पलटवार करते हुए कहा है, “जाति जनगणना की मांग वो लोग कर रहे है, जिनकी पार्टी जेब से चलती है.”

यूपी के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा, “भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है. हम किसी जाति विशेष के बारे में नहीं सोचते. हम पूरी जनता के बारे में सोचते हैं. क्योंकि भाजपा कोई पारिवारिक पार्टी नहीं है. भाजपा किसी एक व्यक्ति के कहने पर नहीं चलती. क्योंकि यह व्यक्ति विशेष की पार्टी नहीं है. एक लोगों के कहने पर हम नहीं चलते. यही लोग हैं जो हमेशा से केवल 5-6 जिलों के बारे में सोचते थे और जाति विशेष के लिए काम करते थे. भाजपा वही निर्णय करती है जो पूरे देश के हित में होता है. कोर कमेटी निर्णय करती है.”

उन्होंने कहा, “बड़ी बात ये है कि जातिगत जनगणना की बात वो लोग कर रहे हैं, जिनके जेब की पार्टी है. सीएम योगी प्रदेश की 25 करोड़ जनता के लिए काम कर रहे हैं. इससे कम की बात वो कभी कहें हों तो कहिए.” दयाशंकर सिंह ने कहा कि वह अपनी जनगणना करा रहे हैं तो कराते रहें, लेकिन हमारी पार्टी की जो नीति होगी हम उसी पर काम करेंगे.

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अखिलेश यादव बोले

दूसरी तरफ, अखिलेश यादव ने कहा कि जातीय जनगणना अगर बिहार में हो सकती है, तो उत्तरप्रदेश में क्यों नही हो सकती? दक्षिण भारत के बड़े नेता भी चाहते हैं. हमारी मांग है, जातीय जनगणना होनी चाहिए. आप अगर जातीय जनगणना के खिलाफ हैं, तो आउटसोर्सिंग के खिलाफ क्यो नहीं है. बजट में आप डेटा सेंटर बना रहे हैं, तो फिर क्यों जातीय जनगणना नही होनी चाहिए.

सपा कार्यालय के बाहर नया पोस्टर, कल से अभियान

दरअसल, समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर जातीय जनगणना को लेकर एक पोस्टर लगाया गया है. सपा का ये पोस्टर दिखाता है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर वो पूरे यूपी में आंदोलन की रणनीति को धार दे रही है. सात चरणों मे इसको लेकर संगोष्ठी अभियान चलने वाला है. जातीय जनगणना को लेकर सपा 24 फरवरी से विभिन्न ज़िलों में संगोष्ठी करेगी और इसकी शुरूआत वाराणसी से करने जा रही है. ये संगोष्ठी 5 मार्च तक प्रदेश के तमाम जिलों में आयोजित की जाएगी. सपा संगोष्ठी का आयोजन विधानसभा,ब्लॉक स्तर पर करेगी.

ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष बोले, केंद्र सरकार का मामला

इस मामले पर ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष और यूपी सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि समाजवादी पार्टी संवैधानिक नियमों को तोड़ रही है, जो मुद्दा केंद्र सरकार का है उसे विधानसभा में उठाकर कार्यवाही को बाधित कर रही है, जो गलत है. कश्यप ने कहा कि हमारी पार्टी पिछड़ों के लिए काम कर रही है. हर वर्ग के लिए हम काम कर रहे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी जानबूझकर सदन में हंगामा कर रही है, जो सदन की मर्यादा के अनुरूप नहीं है.

जातीय जनगणना पर नियम कायदे से फैसला : सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना पर सियासत तेज हो गई है. सपा की जातीय जनगणना की मांग पर यूपी सरकार में मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि हर चीज का एक तरीका होता है. नियम के तहत चीजें होती हैं, ऐसे ही जातिगत जनगणना की मांग करने से जनगणना नहीं होगी, उनको जो करना है तो वो करते रहें. कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि अखिलेश यादव की जब सरकार थी तो उन्होंने जातियों के लिए क्या किया. पिछड़ों के लिए क्या किया जवाब दें.

शेरवानी पहनने से महंगाई कम नहीं होगी

सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का कहना है कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू हो इस पर चर्चा होनी चाहिए. अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए राजभर ने कहा कि शेरवानी पहनने से महंगाई कम नहीं होगी. वहीं बीजेपी में खुद के जाने की खबर पर सफाई दी और कहा कि विधानसभा में सब मिलते हैं, इसका कुछ मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.

-भारत एक्सप्रेस 



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