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Sheetla Saptami date 2023: इस दिन है शीतला सप्‍तमी, इस उपाय से नहीं लगती संतान को कोई बुरी नजर, लगता है बासी खाने का भोग

Sheetla Saptami date 2023: देश में पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और राजस्‍थान के अलावा मध्‍य प्रदेश के कुछ जगहों पर इस त्‍योहार को बासौड़ा भी कहा जाता है.

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माता शीतला

Sheetla Saptami date 2023: हिंदू धर्म में मां शीतला को आरोग्यता का कारक माना जाता है. इनकी पूजा करने के लिए शीतला सप्‍तमी का दिन सबसे उत्तम माना जाता है. शीतला माता मां दुर्गा का ही एक रूप हैं. इस दिन उन्हें बासी और ठंडी खाद्य सामाग्री का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले व्रत के परिणाम स्वरूप माता शीतला से आरोग्‍यता का वरदान मिलता है.

माता शीतला की कृपा से बच्‍चे गंभीर बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहते हैं और बच्‍चों की हर बुरी नजर से रक्षा होती है. कई स्‍थानों पर इस त्‍योहार को बासौड़ा भी कहते हैं. इस दिन व्रत रखने वाली माताएं बच्‍चों के बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं. आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी खास बातें.

शीतला सप्तमी या बासौड़ा के दिन किया जाता है यह उपाय

इस दिन बच्चों की माएं उन्हें किसी भी तरह की बुरी बला से बचाने के लिए गुलगुले बनाती हैं. शीतला अष्‍टमी के दिन उनके बच्चों को किसी तरह की नजर न लगे इसके लिए इन गुलगुलों को वे अपने बच्‍चों के ऊपर से घूमाते हुए कुत्‍तों को खिलाती हैं. इसके अलावा यह भी माना जाता है कि इस उपाय से उनके बच्चे किसी भी तरह की बीमारी से बचे रहते हैं.

इस दिन पड़ रही है शीतला सप्तमी

हिंदू पंचांग के मुताबिक. बासौड़ा या शीतला सप्तमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष को पड़ रही है. हालांकि इस साल 13 मार्च 2023 को है. इस दिन इसका आरंभ रात में 9 बजकर 27 मिनट से होगा. वहीं इस व्रत का समापन अगले दिन 14 मार्च को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगा. इसलिए उदया तिथि के मुताबिक इसका व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा.

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उत्‍तर भारत में कहा जाता है बासौड़ा

देश में पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और राजस्‍थान के अलावा मध्‍य प्रदेश के कुछ जगहों पर इस त्‍योहार को बासौड़ा भी कहा जाता है. इस दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है इसी कारण इसे इस नाम से पुकारा जाात है.



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